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ट्विटर V/S केंद्र सरकार: उपराष्ट्रपति और आरएसएस के निजी हैंडल अनवेरिफाइड, क्या है ट्विटर का केंद्र से विवाद

प्रमुख खबरें: नई दिल्ली। भारत सरकार के आदेश पर ट्विटर (twitter)  ने सोशल मीडिया गाइडलाइन (guideline) लागू करने के लिए तैयार तो हो गया लेकिन दूसरी तरफ ट्विटर ने केंद्र सरकार और आरएसएस (RSS) के बड़े नेताओं को अनवेरिफाइड (unverified) करना शुरू कर दिया है। जिससे नया विवाद शुरू हो गया है। दरअसल,  ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu)  के ट्विटर अकाउंट को अनवेरिफाइड कर उससे ब्लू टिक हटा दिया है। इतना ही नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शीर्ष अधिकारियों के निजी हैंडल को भी अनवेरिफाइड कर दिया है। आरएसएस के सह-सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी) अरुण कुमार (Arun Kumar), संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी (Suresh soni)  समेत अन्य नेताओं के निजी हैंडल से ब्लू टिक हटाया गया है।

इस खबर को लेकर लोगों ने कंपनी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है। यूजर्स ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा नेता ने कहा कि ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाकर भारत के संविधान पर हमला बोला है। हालांकि कई यूजर्स का कहना है कि काफी लंबे समय से यह एक्टिव नहीं था इसलिए कंपनी ने अनवेरिफाइड किया है।

क्या है पर्दे के पीछे की कहानी
बता दें कि  ट्विटर भारत सरकार की सोशल मीडिया कई नई गाइडलाइन मानने को तैयार हो गया है। बीते दिनों  ट्विटर ने दिल्ली हाई कोर्ट में बताया कि उसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 का अनुपालन कर लिया है और 28 मई को ही उसने शिकायत अधिकारी को भी नियुक्त कर दिया है।  सोशल मीडिया की नई गाइडलाइंस लागू नहीं करने को लेकर पिछले दिनों जमकर बवाल मचा था। इसी बीच कंपनी ने एक और विवाद को जन्म दे दिया है।

ट्विटर की क्या है शर्त
ट्विटर की शर्तों के मुताबिक यदि कोई यूजर्स अपने हैंडल का नाम बदलता है या किसी का अकाउंट डेड और अधूरा हो जाता है। इसके अलावा  यूजर शुरू में जिस नाम से अपना अकाउंट बनाया था, उस दौरान कंपनी की ओर सत्यापित किया जाता है, लेकिन काफी समय बाद तक वह चालू नहीं रहता तो उस स्थिति में कंपनी उसे अनवेरिफाइड कर देती है। ट्विटर द्वारा नेताओं के अकाउंट अनवेरिफाइड करने को लेकर लोग कंपनी के विरुद्ध खासे नाराज दिख रहे हैं।

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