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फिर बढ़ी ट्विटर की मुश्किलें, आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर एक्शन ले सकती है सरकार

प्रमुख खबरें: नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आईटी नियमों का तय समय पर पालन नहीं करने के मामले में ट्विटर (twitter) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यही नही ट्विटर ने अपनी कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Information Technology) के एक सूत्र ने बताया है ऐसे में अब्दुल समद (abdul samad) वाले मामले में उन पर एक्शन लिया जा सकता है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चला था, जिसे मैनिपुलेटेड (Manipulated) बताया जा रहा है। लेकिन ट्विटर ने इसे फ्लैग नहीं किया था, ऐसे में ट्विटर पर भी मामले में केस दर्ज हुआ है।

सूत्र का कहना है कि नए आईटी नियम 25 मई, 2021 से लागू हो चुके हैं, लेकिन ट्विटर ही एक ऐसा अकेला टेक प्लेटफॉर्म है जिसने इन नियमों का पालन नहीं किया है। इसकी वजह से एक इंटरमीडियरी के तौर पर अपनी सुरक्षा खो चुके हैं और अब जब उन्हें इसके तहत कोई सुरक्षा नहीं मिली हुई है और उन्होंने इस घटना के वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया के तौर पर फ्लैग नहीं किया तो उनपर एक्शन लिया जा सकता है।

चीफ कम्प्लायन्स ऑफिसर की नहीं हुई नियुक्त
सूत्र ने बताया कि ‘सरकार ने गुडविल के रूप के 5 जून को ट्विटर को आखरी पत्र लिख कर तुरंत नए नियमों के पालन की सलाह दी थी। ट्विटर ने 6 जून को लिखे पत्र में स्वयं कहा था कि एक सप्ताह में वो चीफ कम्प्लायन्स ऑफिसर नियुक्त करेंगे, लेकिन यह भी नहीं किया।’ सूत्र का कहना है कि अभी तक सरकार को ट्विटर के उउड की कोई डिटेल नहीं मिली है।

हालांकि, ट्विटर का कहना है कि कंपनी ने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ जल्द ही ब्यौरा साझा किया जाएगा। ट्विटर प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि नए दिशा-निदेर्शों का पालन करने की हर कोशिश जारी है।

यह है मामला
बता दें कि गाजियाबाद (Ghaziabad) की लोनी पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज किया है। यह केस मुस्लिम बुजुर्ग अब्दुल समद के मामले में दर्ज किया गया है। पुलिस ने मोहम्मद जुबैर, राणा अयूब, द वायर, सलमान निजामी, मशकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर और ट्विटर कॉम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ 153,153A,295A,505 ,120B और 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना कि ये गलत प्रसारित किया गया कि अब्दुल समद (abdul samad) को हिंदु युवकों ने मारा, जबकि इसमें मुस्लिम युवक भी गिरफ्तार किए गए हैं।

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