एलजेपी में टूट की वजह: चिराग का नीतीश को बुरा भला कहने से थी पार्टी में नाराजगी
प्रमुख खबरें: नई दिल्ली। बिहार की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) दो फाड़ में बंट गई है। इसकी एक वजह ये भी कि चिराग पासवान (Chirag Paswan) द्वारा लगातार नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बुरा भला कहा गया। लोजपा के 6 में से पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर चुके हैं। बगावत करने वाले सांसदों में पशुपति पारस, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर शामिल हैं।
बगावती तेवर एख्तियार करने वाले महबूब अली कैसर (Mehboob Ali Kaiser) ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हम चाहते हैं कि बस लीडरशिप चेंज हो, उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान का नीतीश कुमार को बुरा भला कहना गलत था। सांसद महबूब अली कैसर ने कहा, विधानसभा चुनाव के वक्त अपनाई गई रणनीति गलत थी। कहने के बावजूद वह नहीं माने। पशुपति पारस (Pashupati Paras) को बिहार के प्रेसिडेंट से हटाना गलत था, वो अनुभवी आदमी थे, उन पर रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) भी भरोसा करते थे।
हकीकत को स्वीकार करें चिराग
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान से पारस जी को मिलना चाहिए। बस लीडरशिप चेंज हो, हम यही चाहते हैं। 6 सांसद एक साथ रहे, एलजेपी एक साथ रहे। मेरी कोशिश है सब एक साथ रहे। चिराग पासवान भी इस बात को मानें। हकीकत को स्वीकार करें। लोजपा सांसद ने कहा कि चिराग पासवान का नीतीश को बुरा भला कहना, यह गलत था, इससे एनडीए कमजोर हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, पांचों एलजेपी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें एलजेपी से अलग दल की मान्यता दी जाए। स्पीकर अब कानून के हिसाब से फैसला करेंगे। माना जा रहा है कि ये पांचों जेडीयू के संपर्क में हैं, बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही ये सभी सांसद असंतुष्ट थे। सांसद चिराग पासवान के कामकाज के तरीके से आहत थे।