ताज़ा ख़बर

नौकरशाहों और पुलिस अफसरों के व्यवहार से खफा चीफ जस्टिस, सख्त लहजे में कही यह बात

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने देश के नौकरशाहों (bureaucrats) और पुलिस अधिकारियों (police officers) को लेकर बड़ी बात कही है। रमना ने कहा कि देश भर के ब्यूरोक्रेट्स खासकर पुलिस अधिकारियों का जो व्यवहार है उस पर हमारी गहरी आपत्ति है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि ऐसे पुलिस अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत (harassment complaint) के परीक्षण के लिए स्टैंडिंग कमेटी बनाने की सोच रहे थे। लेकिन कुछ सीमाओं और मर्यादाओं की वजह से नहीं किया।

दरअसल CJI एनवी रमना की एक पीठ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह (Additional Director General of Police Gurjinder Pal Singh) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें गुरजिंदर पाल सिंह पर राजद्रोह, जबरन वसूली (treason, extortion) और आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक समय तो ऐसा भी आया जब मैंने तय कर लिया था कि एक स्थायी समिति बनाई जाए। ये स्थायी समिति नौकरशाहों के खिलाफ अत्याचार और अन्य ज्यादतियों की शिकायतों की जांच करती, लेकिन अब मैं इसे नहीं करना चाहता।





इधर, छत्तीसगढ़ के निलंबित ADG गुरजिंदर पाल सिंह को सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली है। कोर्ट ने निलंबित एडीजी को दो मामलो में 8 हफ़्तों के लिए अंतरिम राहत देते हुए कठोर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। हालांकि तीसरे मामले में राहत देने से इनकार करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) और जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) की पीठ ने कहा कि ये मामला जब हाई कोर्ट में चल रहा है तो हाई कोर्ट ही इसमें निर्णय लेगा। दरअसल, निलंबित ADG गुरजिंदर पाल अवैध संपत्ति, जबरन वसूली और देशद्रोह के मामले में आरोपी है।

पुलिस को लेकर पहले भी कह चुके हैं यह बात
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने 26 मार्च को कहा था कि रूलिंग पार्टी के साथ पुलिस अधिकारी होते हैं लेकिन जब सत्ता परिवर्तन होता है तो विपक्ष सत्ता में आते ही ऐसे पुलिस अधिकारियों को निशाना बनाना शुरू करते हैं। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि देश में ये खेदजनक स्थिति है। अदालत ने कहा कि जैसे ही सत्ता परिवर्तन होता है तो राजद्रोह जैसे केस फाइल करने का चलन हो गया है जो परेशान करने वाला ट्रेंड है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button