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पेट्रोल-डीजल कीमतों लेकर पुरी का विपक्ष पर हमला: शराब का हवाला दे इन तीन राज्यों की सरकारों से कही यह बड़ी बात

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल के दाम पर बात करते हुए केंद्र के उठाए गए कदमों की जानकारी दी थी। उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने उत्पादन शुल्क में कटौती तो की, लेकिन राज्यों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। पीएम का यह सीधा निशाना गैर-भाजपा शासित राज्यों पर था। उन्होंने अपील की थी की आम जनता को राहत देने के लिए राज्यों को वैट में कटौती करनी चाहिए। हालांकि पीएम इस अपील पर कई राज्यों ने आपत्ति जताई थी। खासकर महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड की सरकार ने। वहीं अब पेट्रोलियम मंत्री ने इन राज्यों पर निशाना साधा है।

महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने 2018 से फ्यूल टैक्स के रूप में 79,412 करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपए एकत्र करने का अनुमान है। महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत देने के लिए उसने पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाया? पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि लोगों को महंगे पेट्रोल और डीजल से राहत देने के लिए गैर-भाजपा शासित सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

उन्होंने शराब का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर ये सरकारें आयातित शराब की जगह ईंधन पर टैक्स में कटौती करें तो पेट्रोल-डीजल सस्ता होगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर 32.15 रुपये प्रति लीटर और कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार ने 29.10 रुपये प्रति लीटर का शुल्क लगाया है, लेकिन वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित उत्तराखंड में केवल 14.51 रुपये और उत्तर प्रदेश में 16.50 रुपये शुल्क लगाया गया है।

विपक्ष का इरादा केवल विरोध करना, राहत देना नहीं’
पुरी ने कहा, भाजपा शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर 14.50 रुपए से लेकर 17.50 रुपए लीटर तक वैट लागू है, जबकि अन्य दलों की ओर से शासित राज्यों द्वारा लगाए गए कर 26 से लेकर 32/लीटर की सीमा में हैं। अंतर स्पष्ट है। उनका इरादा केवल विरोध और आलोचना करना है, लोगों को राहत नहीं देना है।





आंध्र प्रदेश-मुंबई में सबसे महंगा पेट्रोल
सबसे ज्यादा पेट्रोल की कीमतों वाले तीन राज्य आंध्र प्रदेश (121.40), महाराष्ट्र (120.51) और तेलंगाना (119.49) हैं। गौरतलब है कि तेल कंपनियों की तरफ से गुरुवार को भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 105.41 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे ज्यादा 120.51 रुपये व डीजल की कीमत 104.77 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 115.12 रुपये जबकि डीजल का दाम 99.83 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 110.85 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 100.94 रुपये प्रति लीटर है।

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सत्य दुख देता है, लेकिन तथ्य अपने आप बोलते हैं। हरियाणा में पेट्रोल पर 18 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट है जो कि सबसे कम है। राज्य का एक महत्वाकांक्षी नेता इनका विरोध करता है, लेकिन अपनी ही पार्टी की ओर से शासित राजस्थान पर चुप है, जो देश में सबसे अधिक 31.08% + 1500 रुपए केएल उपकर लगाता है! जो कि देश में सबसे ज्यादा में शामिल है!

राहुल गांधी बोले- पीएम जिम्मेदारी से बच रहे
एक ओर जहां मंहगे ईंधन की मार झेल रही देश की जनता को राहत देने के मामले में केंद्र अपनी पीठ थपथपा रही है और कीमतों में बढ़ोतरी के लिए राज्यों के सिर ठीकरा फोड़ रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी और पेट्रोलियम मंत्री के निशाना साधने पर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा है कि ईंधन की ऊंची कीमतों के लिए राज्य दोषी, कोयले की कमी के लिए राज्य दोषी और आॅक्सीजन की कमी के लिए भी राज्य दोषी। सभी ईंधन करों का 68 फीसदी तो केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है। फिर भी, पीएम जिम्मेदारी से बचते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी का संघवाद सहयोगी नहीं है, यह जबरदस्ती है।

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