पेगासस मामले पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट: पूछा- इस मामले पर क्या कर रही है केन्द्र सरकार
नई दिल्ली। विवादित पेगासस जासूसी (Pegasus spy) मामले को लेकर एक बार फिर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमना (Chief Justice Ramana) ने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि कोर्ट यह जानना चाहती है कि केन्द्र सरकार (central government) इस मामले में क्या कर रही है। बता दें कि इससे पहले भी कोर्ट में सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए लंबा समय भी दिया था, लेकिन अब सरकार ने हलफनामा (affidavit) दाखिल करने से इनकार कर दिया है।
केन्द्र सरकार ने हलफामना दाखिल न करने की वजह बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में साफ कर दिया है कि अब वह पेगासस मामले में किसी तरह का हलफनामा दाखिल नहीं करेगी। लेकिन साथ में कहा कि जासूसी के आरोपों की जांच कराने के लिए पैनल का गठन करने को राजी है। अब इस मामले में स्वतंत्र डोमेन विशेषज्ञों (independent domain experts) की समिति गठित कर जांच की जा सकती है और इसे कोर्ट में दाखिल किया जा सकता है। वहीं सरकार की ओर से दलील देते हुए तुषार मेहता ने कहा है कि जासूसी के लिए किसी खास साफ्टवेयर का उपयोग नहीं हुआ है। अपितु यह पब्लिक डोमेन का मला है।
सिब्बल बोले – पेगासस का अवैध इस्तेमाल हुआ
याचिकाकर्ता की ओर से बोलते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Senior Advocate Kapil Sibal) ने कोर्ट में कहा कि सरकर की जवाबदारी है कि वह कोर्ट के अंदर जवाब दें क्योंकि नागरिकों की निजता का संरक्षण (protection of privacy) करना सरकार की बड़ी जवाबदेही है। उन्होंने कहा स्पाइवेयर का इस तरह इस्तेमाल पूरी तरह अवैध है। सिब्बल ने कहा कि अगर सरकार अब कहती है कि हलफनामा दाखिल नहीं करेगी तो माना जाना चाहिए कि पेगासस का अवैध इस्तेमाल हो रहा है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराजगी जताई। चीफ जस्टिस रमना (Chief Justice Ramana) ने कहा कि आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि सरकार क्या कर रही है। पब्लिक डोमेन वाले तर्क पर कोर्ट ने कहा कि हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों में नहीं जा रहे हैं। हमारी सीमित चिंता लोगों के बारे में है। केंद्र सरकार ने समिति बनाने की बात कही इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति की नियुक्ति कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि हलफनामे का उद्देश्य यह है कि पता चले कि आप (सरकार) कहां खड़ी है।