यह सुनिश्चित करें, मप्र में लंपी बीमारी से नहीं होनी चाहिए किसी पशु की मौत: शिवराज ने दिए निर्देश
भोपाल। मध्यप्रदेश में पशुओं में तेजी से फैल रही लंपी बीमारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए की प्रदेश में यह सुनिश्चित किया जाए की लंपी बीमारी से पशुओं की मौत न हो। साथ ही उन्होंने बीमारी से प्रभावित जिलों से लगे जिलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने के भी निर्देश दिए। वहीं सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से आ रहे पशुओं पर तेजी से प्रतिबंध लगाया जाए। इसके अलावा उन्होंने पशुपालकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने की भी बात कही।
बता दें कि लंबी बीमारी एक वायरस की तरह है, यह सिर्फ पशुओं में फैलती है। इसके लक्षण है, तेज बुखार आना, भूख न लगना, त्वचा पर गठाने और मुंह में छाले आना इसके प्रमुख लक्षण है। मध्यप्रदेश में इस बीमारी की पुष्टि रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, बैतूल, इन्दौर और खण्डवा में हुई है। इसके अलावा धार, बुरहानपुर, झाबुआ में भी लंपी बीमारी के लक्षण मिले हैं। प्रदेश में अब तक 2171 पशु इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 1717 पशु के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। अब तक 77 हजार 534 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
भोपाल में बनाया गया कंट्रोल रूम
लंपी स्किन बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित ग्रामों और जिलों में पशुओं के आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है। राज्य रोग अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। बीमारी और उससे बचाव के संबंध में जागरूकता के लिए वेबीनार, मीटिंग और राज्य स्तरीय युवा संवाद किए जा रहे हैं। प्रदेश के संपूर्ण चिकित्सा अमले को अलर्ट मोड पर रखा गया है और केन्द्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।