लालू के परिवार में मची कलह पर भाजपा ने चुटकी, कहा- तेज प्रताप को बनाएं पार्टी अध्यक्ष
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का परिवार (Family) एक बार फिर अंदरूनी कलह से जूझ रहा है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के बयानों से पार्टी के भीतर नेताओं में नाराजगी बढ़ रही है। वहीं, तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी दूरियां बना रहे हैं। ऐसे में अब कयास लगने लगे हैं कि लालू के दोनों बेटों के बीच सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। लालू के परिवार में मची कलह के बीच भाजपा (BJP) ने चुटकी ली है और कहा है कि तेज प्रताप को कम से कम पार्टी अध्यक्ष (party president) का पद तो दे ही देना चाहिए।
भाजपा नेता अरविंद कुमार सिंह (BJP leader Arvind Kumar Singh) ने कहा है कि लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप के साथ नाइंसाफी की है और बड़ा बेटा होने के नाते उन्हें ही बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Bihar Legislative Assembly) बनना चाहिए था। क्योंकि तेज प्रताप बिहार की जनता को अपनी संपत्ति समझते हैं, लेकिन लालू यादव ने तेज प्रताप के साथ नाइंसाफी की। इसलिए अब इंसाफ करते हुए उन्हें राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए या फिर मीसा भारती को पार्टी की कमान दे देनी चाहिए।
भाजपा नेता ने लालू प्रसाद यादव को सलाह देते हुए कहा कि लालू प्रसाद तेज प्रताप के साथ इंसाफ करने के लिए अब उन्हें RJD का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं या फिर अपनी बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) को ही पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दें। सिंह ने कहा कि तेज प्रताप लालू के बड़े पुत्र हैं और बिहार की जनता को संपत्ति के रूप में अपनाए हुए हैं। तेज प्रताप को नेता प्रतिपक्ष बनना चाहिए था मगर लालू ने नहीं बनाया। लालू को चाहिए कि अब कम से कम तेज प्रताप को RDJ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दे।
तेज प्रताप ने जगदानंद को बताया हिटलर
बता दें कि 8 अगस्त को राजद के एक कार्यक्रम में तेज प्रताप यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (State President Jagdanand Singh) पर निशाना साधते हुए उन्हें हिटलर तक कह डाला। तेज प्रताप ने कहा कि जगदानंद सिंह सब जगह जाकर हिटलर की तरह बोलते हैं। पार्टी कार्यालय का मेन गेट अध्यक्ष की मर्जी से खुलता और बंद होता है। पिताजी के समय दरवाजा हमेशा खुला रहता था, लेकिन उनके जाने के बाद बहुत लोगों ने मनमानी शुरू कर दी है। तेज प्रताप यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने जगदानंद सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं है।