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PNB घोटाले के आरोपी को लगा बड़ा झटका: मोदी के करीबी परब को CBI ने काहिरा से दबोचा, लेकर पहुंची भारत

मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में जांच एजेंसी सीबीआई को एक बड़ी सफलता हाथ लग गई है। खबर के मुताबिक सीबीआई ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के सबसे करीबी परब सुभाष शंकर पर शिकंजा कसा है। सीबीआई सुभाष शंकर को विशेष विमान से मंगलवार की सुबह इजिप्ट के काहिरा से मुंबई लेकर आई है। बता दें कि सीबीआई उसे देश वापस लाने के लिए काफी लंबे वक्त से आपरेशन चला रही थी। जानकारी के मुताबिक 49 साल का सुभाष शंकर 2018 में नीरव मोदी के साथ भारत से भाग गया था।

दरअसल, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13 हजार करोड़ रुपए का लोन लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप है। नीरव मोदी लंदन फरार हो गया था। इसके बाद लंदन की अदालत ने उसे वहां की जेल में बंद करने का आदेश दिया। भारत की जांच एजेंसी उसे लगातार देश वापस लाने की कोशिश कर रही है। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण करने का आदेश दे चुकी है। लेकिन भारत की जेल में उसे दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर कुछ मुद्दों पर चर्चा चल रही है।





इंटरपोल ने जारी किया था नोटिस
साल 2018 में इंटरपोल ने पीएनबी बैंक घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के अनुरोध पर नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और उसके कर्मचारी सुभाष शंकर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इंटरपोल ने चार साल पहले मुंबई की एक विशेष अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र और वहां के विशेष न्यायाधीश जेसी जगदाले द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया था।

मोदी का साला मेहता बना सरकारी गवाह
बता दें कि इससे पहले नीरव मोदी के साले मयंक मेहता और उनकी पत्नी पूर्वी ने नीरव मोदी के खिलाफ चल रही जांच में ईडी को अहम जानकारियां देने का वादा किया था। वे सरकारी गवाह बन गए थे और अदालत ने मेहता के खिलाफ जारी सभी गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिए थे। अदालत ने मेहता दंपत्ति के खिलाफ ये वारंट 2018 में जारी किए थे। मेहता को ईडी को मामले से जुड़ी सभी जानकारी देने और इससे जुड़े सभी लोगों और रिश्तेदारों का अता-पता बताने के बाद सरकारी गवाह बनने की इजाजत दी गई थी। मेहता को डर था कि उनके भारत आते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन अदालत के आश्वासन के बाद सिर्फ मेहता भारत लौटे और ईडी को जांच में सहयोग करने और सभी जानकारी देने पर हामी भरी।

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