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अब्दुल्ला बोले- कश्मीरी पंडित पत्थरबाज नहीं, तो क्यों चलाई उन पर लाठियां?

श्रीनगर केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बड़गाम जिले में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शनक कर रहे कश्मीरी पंडितों (Kashmir Pandit) के खिलाफ बल प्रयोग के मामले में जांच के आदेश दिये जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने सोमवार को कहा कि कश्मीर पंडित पत्थरबाज़ (Stone Pelters) नहीं है और उनके खिलाफ बल प्रयोग की कोई जरूरत नहीं थी।

अब्दुल्ला ने सवाल किया कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बल प्रयोग क्यों किया गया? उन लोगों के खिलाफ लाठीचार्ज करना और आंसू गैस के गोले छोड़ना सवाल खड़े करता है जो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जता रहे थे। कश्मीरी पंडित केवल प्रदर्शन कर रहे थे तो उसके खिलाफ बल प्रयोग की क्या जरूरत थी?
डॉ़ अब्दुल्ला ने कहा,“ पीपुल्स एलाइंस फॉर गुपकार डिकलरेशन( पीएजीडी) (Peoples alliance for gupkar declaration) की रविवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) से मुलाकात का मुख्य उद्देश्य उन्हें इस बात से अवगत कराना था कि कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है और कश्मीर घाटी में शांति नहीं बन पा रही है। तरीकबन रोजाना ही लोगों मर रहे हैं कहीं पुलिसकर्मियों द्वारा तो कहीं नागरिकों द्वारा।कश्मीरी पंडित शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करके सुरक्षित आसरे की ही तो मांग कर रहे थे जहां वह सुकून के साथ रह पायें। हमने उपराज्यपाल के समक्ष इन सभी मांगों को उठाया और कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरीकदम उठाये जाने की मांग की।”
‘द कश्मीर फाइल्स’ (the kashmir files) फिल्म पर तीखा हमला करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसी फिल्मों ने कश्मीरी युवाओं के दिमाग में और देशभर में नफरत का प्रसार किया है। यह फिल्म कोरा झूठ है जो देश भर में विभिन्न समुदायों के बीच नफरत ही फैला रही है। उन्हाेंने आरोप लगाया कि जिस तरह की क्रूरता देश में मुस्लमानों के खिलाफ दिखायी गयी है उससे युवाओं के दिमागों में नफरत पनप रही है और यह सब बंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने मीडिया पर भी प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग आमजन में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं उन पर हमेशा के लिए रोक लगायी जानी चाहिए।

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