करारी हार के बाद सिद्धू के साथ 20 नेताओं ने की बैठक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को फिर बड़ी जिम्मेदारी देने उठी मांग
चंडीगढ। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद पहली बार पंजाब कांग्रेस के करीब 20 नेताओं ने मंगलवार को लुधियाना में बैठक की। इस बैठक में पंजाब के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए। बैठक में शामिल पार्टी के नेताओं ने सिद्धू के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की मांग की। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक को सिद्धू को पुन: प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा ने इन खबरों को का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि यह खबरें अफवाह है।
वहीं बैठक में शामिल पार्टी के अन्य नेताओं ने कहा कि बैठक विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी को राज्य में मजबूत करने के तरीकों और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों की सेवा शर्तों को केंद्रीय लोक सेवाओं के साथ श्रेणीबद्ध(एलाइन) करने के केंद्र के फैसले पर चर्चा करने के लिए थी। बैठक में सिद्धू के अलावा विधायक खैरा, अश्विनी सेखरी और पूर्व विधायक सुरिदर डावर शामिल थे।
खैरा ने कहा कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह किसी विशेष समूह, सिद्धू गुट आदि की बैठक नहीं थी। यह कहना बहुत गलत है। उन्होंने कहा, यह कांग्रेस पार्टी की बैठक थी। बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि समान विचारधारा वाले कांग्रेस विधायक, पूर्व विधायक, विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, पार्टी नेता राकेश पांडे के घर पर एकत्र हुए।
बता दें कि पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर- में मिली चुनावी शिकस्त के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से इस्तीफा देने को कहा था, जिसके बाद सिद्धू ने भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। सबसे खास बात यह रही कि पंजाब कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा है। सत्ता में रहने के बावजूद भी पार्टी महज 18 सीटों पर सिमट गई, यहां तक की सिद्धू अमृतसर से स्वयं चुनाव हार गए हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने 117 सदस्यीय विधानसभा में से 92 सीट पर जीत हासिल की।
खैरा ने हालांकि कहा, सिद्धू का इस्तीफा आलाकमान ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्य के पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सिद्धू का समर्थन करेंगे, खैरा ने कहा, वह एक सक्षम नेता हैं। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी जो भी निर्णय लेगी, हम सब उसे स्वीकार करेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मैं पार्टी के अंदर गुटबाजी के दावों को सिरे से खारिज करता हूं। अश्विनी सेखरी ने कहा कि मंगलवार को हुई बैठक का मकसद पंजाब के मुद्दों पर चर्चा करना था। उन्होंने भी सिद्धू का समर्थन किया।