यूयू ललित बने देश के 49वें CJI, सिर्फ 75 दिन ही रहेंगे इस पद पर
नई दिल्ली। जस्टिस उदय उमेश ललित ने देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रुप में शपथ ले ली है। उन्हें पद और गोपनीयता की की शपथ नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिलाई। ललित अगले 75 दिन तक सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई करेंगे। यहां पर बता दें कि ललित सिर्फ 75 दिनों के लिए ही सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है। इसके बाद देश के 50वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस पद को संभालेंगे।
नए सीजेआई के शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई केन्द्रीय मंत्री और ललित से पहले रहे चीफ जस्टिस एनवी रमना भी मौजूद रहे। खास बात यह भी ही की जस्टिस उदय उमेश ललित के सीजेआई के रूप में शपथ लेते वक्त उनके परिवार की तीन पीढ़ियां राष्ट्रपति भवन मौजूद थीं। यह भी याद दिला दें कि उदय उमेश ललित को अगस्त 2014 में उन्हें एक वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। वह सीजेआई बनने वाले ऐसे दूसरे जज हैं।
शपथ ग्रहण से पहले मिले थे एनवी रमना से
शपथ ग्रहण से पहले निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमना के विदाई समारोह में उन्होंने तीन मुख्य सुधारों के बारे में बात की। जस्टिस यूयू ललित ने कहा, मेरा प्रयास रहेगा मामलों को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकूं, जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें। इसके अलावा कम से कम एक संविधान पीठ की बना सकूं,जो सालभर काम करती रहे।
102 सालों की विरासत
गौरतलब हो कि भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस यूयू ललित पर भले ही न्यायाधीशों की नियुक्ति से लेकर महत्वपूर्ण संवैधानिक प्रश्नों जैसी चुनौतियां हों, लेकिन उनकी न्यायिक विरासत का अनुभव भी उनके पास होगा। इसकी खास वजह यह है कि ललित का परिवार पिछले 102 साल से वकालत के पेशे में है। जस्टिस ललित के दादा जी महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत का काम किया करते थे। इसके बाद इनके पिता उमेश रंगनाथ ललित ने इसे आगे बढ़ाया और हाई कोर्ट के जज बने। इनकी उम्र अब 90 साल है। जस्टिस ललित के दो बेटे हैं जिनमें से एक वकालत कर रहे हैं।
टॉप क्रिमिनल वकीलों में शुमार थे ललित
सीजेआई ललित 2014 में देश के टॉप क्रिमिनल वकीलों में शुमार थे। 2जी घोटाले के मामले में भी उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल पीपी नियुक्त किया था। इसके बाद इसी साल उन्हें वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था। वह दूसरे ऐसे जज है जिन्हें वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया था।