जानें क्यों टीआरएस ने RS में पीएम मोदी के खिलाफ दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया है। नोटिस तेलंगाना की सत्तारुढ़ पार्टी- तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सांसदों ने दिया है। टीआरएस सांसदों ने राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी से मुलाकात कर उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ नोटिस सौंपा। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से संसद को अपमानित और बदनाम करने के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की।
टीआरएस सांसदों के केशव राव, जे संतोष कुमार, बी लिंगैया यादव और केआर सुरेश रेड्डी ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक के पास होने पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का जिक्र किया है, जब मोदी ने मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद दिया। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने प्रधानमंत्री विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने के बाद गुरुवार को ही उस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।
उपसभापति हरिवंश ने कहा कि नोटिस फिलहाल राज्यसभा के सभापति के समक्ष विचाराधीन है और जब तक वह इसे मंजूर नहीं करते, तब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती. इसका विरोध करते हुए, बाद में टीआरएस के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। सांसदों ने याद दिलाया कि मोदी ने संसद के दोनों सदनों में बहुत शर्मनाक तरीके से एपी पुनर्गठन विधेयक पारित करने पर बयान दिया था। इसमें कहा गया है, यह बयान संसद सदनों को बहुत खराब और अपमानजनक तरीके से दिखाने का प्रयास करता है।
आखिर पीएम मोदी ने क्या कहा था…
मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘बहुत शर्मनाक’ तरीके से आंध्रप्रदेश का विभाजन किया था। उन्होंने कहा था, माईक बंद कर दिए गए। मिर्ची स्प्रे की गई, कोई चर्चा नहीं हुई। क्या यह तरीका ठीक था क्या? क्या यह लोकतंत्र था क्या?