ताज़ा ख़बर

स्मृति शेष: प्रखर हिन्दूवादी नेता के रूप में जाने जाते थे कल्याण सिंह

नई दिल्ली। प्रखर हिंदूवादी नेता (strong Hindu leader) के तौर पर राजनीतिक पारी की शुरूआत करने वाले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Former UP Chief Minister Kalyan Singh) का शनिवार देर रात निधन (death) हो गया है। उन्होंने 89 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। कल्याण सिंह लंबे से समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ स्थित लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) में इलाज चल रहा था। कल्याण सिंह एक ऐसे राजनीतिक नेता थे जिन्होंने अपना भला किया हो या न किया हो पर भाजपा के साथ पिछड़ी जातियों को जोड़कर ब्राह्मण-ठाकुर और बनियों की कही जाने वाली पार्टी का ठप्पा हटाने का काम जरूर किया।

लाल कृष्ण आडवाणी ने जताया दुख
UP के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने गहरा दुख जताया है। आडवाणी पुरानी बातों को यादत करते हुए कहा कि कल्याण सिंह हमारे करीबियों में से एक थे। उनके निधन से मैं काफी दुखी हूं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय राजनीतिक का चमकता सितारा और जमीनी नेता थे। उन्होंने कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए काफी मेहनत की थी जिसके चलते वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे।

11 बजे विधानसभा में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा पार्थिव शरीर
कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए सुबह 11:00 बजे से विधानसभा में उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। दोपहर 12:30 बजे भाजपा प्रदेश पार्टी कार्यालय में लोग श्रद्धा सुमन अर्पित कर सकेंगे। इसके बाद 2:30 बजे पार्थिव शरीर को बापू भवन ,महाराणा प्रताप, चारबाग, आलमबाग होते हुए चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट ले जाया जाएगा, जहां से एयर एंबुलेंस के माध्यम से पार्थिव शरीर अलीगढ़ स्थित उनके पैतृक निवास ले जाया जाएगा।





पीएम मोदी और नड्डा पहुंचेंगे अंतिम दर्शन के लिए
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ स्थित उनके आवास पर पहुंचेंगे। इस दौरान उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी मौजूद रहेंगे। वहीं कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और अन्य दिग्गज नेता लखनऊ स्थिति आवास पर पहुंचे। यहां अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया है।

जनसंघ में पिछड़ी जातियों का चेहरा बने थे कल्याण सिंह
कल्याण सिंह ने जब अपनी सियासी पारी का आगाज किया था, तब उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व था. उत्तर प्रदेश की OBC सियासत ने भी करवट लेनी शुरू कर दी थी और चौधरी चरण सिंह ने सूबे में एंटी-कांग्रेस राजनीति खड़ी की, जिसमें मुलायम सिंह सहित तमाम नेता शामिल थे। उसी दौरान कल्याण सिंह भी जनसंघ में पिछड़ी जातियों का चेहरा बनने लगे।

आपातकाल के बाद जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया और साल 1977 में उत्तर प्रदेश में जनता पार्टी की सरकार बनी तो कल्याण सिंह को राज्य का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। मंत्री बनते ही कल्याण सिंह का सूबे की सियासत में तेजी से कद बढ़ा और खासकर अपने लोधी समाज के वो प्रमुख बन गए. यूपी के 3 फीसदी लोध वोटरों को उन्होंने बीजेपी का कोर वोटबैंक बनाने का काम किया। ओबीसी समुदाय की यह पहली जाति थी, जिसे कल्याण सिंह बीजेपी के करीब लाए और अपनी सियासी पहचान गढ़ी।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button