नागपंचमी पर उज्जैन में इस मंदिर के फिर खुलेंगे कपाट, जानें कब से कब तक होंगे दर्शन
उज्जैन। श्रावण मास की शुक्ल की पचंमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है। इस बार नागपंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन ही हर साल की तरह इस साल भी उज्जैन में महाकाल मंदिर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के कपाट खुलेंगे। जहां भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन होंगे। इसके लिए मंदिर प्रबंधन और प्रशासन जोरशोर से तैयारियों में जुआ हुआ है। नागपंचमी की व्यवस्थाओं के संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों के साथ मंदिर परिक्षेत्र का दौरा किया।
मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार दो अगस्त को नागपंचमी पर भगवान महाकाल व नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए अलग-अलग कतार लगेगी। महापर्व पर भस्म आरती दर्शन करने वाले भक्तों को बेगमबाग वाले मार्ग से फैसिलिटी सेंटर स्थित शंख द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। तो वहीं मंदिर समिति ने पहली बार भक्तों को नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश देने के लिए महाकाल मंदिर परिसर में फोल्डिंग ओवर ब्रिज का निर्माण किया है। इसी रास्ते भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन हो सकेंगे। इसके लिए अलावा श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला के सामने जूता स्टैंड लगाने के निर्देश गए हैं।
भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट 1 अगस्त की रात्रि 12 बजे खुलेंगे, जहां सबसे पहले महानिवार्णी अखाड़े की ओर से भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा अर्चना की जाएगी। वहीं इसके बाद श्रद्धालु बाबा नागचंद्रेश्वर का दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे। दर्शनों का यह सिलसिला 2 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक चलेगा, जिसके बाद भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर 1 साल के लिए बंद कर दिया जाएगा, फिर यह अगले साल नाग पंचमी पर खुलेगा।
बड़ी संख्या में भक्त करते हैं दर्शन
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ठीक ऊपर भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खोला जाता है, जहां भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर आते हैं। नाग पंचमी के दिन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने का अपना अलग महत्व है। ऐसी मान्यता है की, भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं।
तीन दिन लगातार रहेगी भक्तों की भीड़
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 31 जुलाई को रविवार का अवकाश, एक अगस्त को श्रावण मास का तीसरा सोमवार तथा दो अगस्त को नागपंचमी का महापर्व होने से तीन दिन भारी भीड़ रहेगी। शनिवार शाम से ही देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचने लगेंगे। दर्शनार्थी सोमवार को सवारी देखने के बाद मध्य रात्रि 12 बजे से नागचंद्रेश्वर के दर्शन की कतार में लग जाएंगे। ऐसे में प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए भीड़ नियंत्रण व श्रद्धालुओं की सुविधा के बेहतर इंतजाम करना होंगे।
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सर्पों के राजा तक्षक ने भगवान भोलेनाथ की तपस्या कर अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था। माना जाता है कि तक्षक नाग इसी मंदिर में विराजित है। वह भगवान शिव के गले, हाथ-पैर में एक नाग के रुप में लिपटे हुए हैं। जिस पर शिव और उनका परिवार आसीन है। यह मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर के ऊपरी प्रकोष्ठ में बना हुआ है, जो कि साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है।