मध्यप्रदेश

सांडों की नसबंदी का साध्वी प्रज्ञा ने किया विरोध: कहा- यह आंतरिक षड्यंत्र, सावधान रहने की है जरूरत

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में सांडों की नसबंदी (sterilization of bulls) के आदेश का विरोध होने के बाद 24 घंटे के अंदर ही निरस्त कर दिया गया है। बढ़ते विरोध को देखते हुए पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने आदेश वापस ले लिया है। बता दें कि इस सरकार आदेश के विरोध में स्वयं भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह (BJP MP Sadhvi Pragya Singh) सामने आ गई थी। जिसके बाद सरकार ने यह फैला वापस ले लिया। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं ये (सांडों की नसबंदी कराने का आदेश) कोई आंतरिक षड्यंत्र (internal conspiracy) है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए।

भाजपा सांसद ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया। मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल (Animal Husbandry Minister Prem Singh Patel) को अवगत कराया। ज्ञात हो कि पशुपालन विभाग ने आदेश जारी कर कहा था कि विभाग द्वारा सांडों का बधियाकरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। लेकिन जैसे ही विरोध बढ़ा वैसे ही आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया।





पशुपालन एवं डेयरी विभाग संचालक डॉ. आर.के. मेहिया ने अभियान को स्थगित करने का आदेश जारी किया है’। ठाकुर ने कहा कि ऐसे कैसे हुआ, यह जांच का विषय तो है। मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइए और ऐसा कब से, क्यों और किसलिए हो रहा है? ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों? ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों।

‘प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए’
उन्होंने कहा था, प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. यदि देसी सांडों की नसबंदी की गई तो नस्ल ही खत्म हो जाएगी’। वहीं सांडों की नसबंदी का आदेश निरस्त होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि यह आदेश कोई आंतरिक षड्यंत्र है, इससे सावधान रहने की जरूरत है। देसी गोवंश को नष्ट नहीं होना चाहिए. इस मामले की मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग करूंगी’।

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