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कर्नाटक सरकार ला रही नया कानून: जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल के लिए जाना होगा जेल, देना होगा 5 लाख का जुर्माना

बेंगलुरु। कर्नाटक की भाजपा सरकार (BJP government of Karnataka) विधानसभा के शीत सत्र (winter session of assembly) में धर्मांतरण विरोधी विधेयक (anti-conversion bill) लेकर आ रही है। इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण (forced conversion) में शामिल व्यक्तियों के लिए 10 साल की कैद और 5 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान रहेगा। मसौदे में यह भी कहा गया है कि धर्म परिवर्तन करने वाले को इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट या अन्य किसी अधिकारी, जो अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से नीचे की रैंक का न हो, को एक महीने महीने पहले नोटिस देना होगा। बता दे कि इससे पहले जबरन धर्मांतरण पर तीन साल की सजा और 50 हजार जुर्माने का प्रावधान था।

दरअसल सत्तारूढ़ भाजपा (ruling BJP) इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के दौरान कर्नाटक विधानसभा में पेश करने पर जोर दे रही है। राज्य सरकार ने प्रस्तावित कानून की वैधता की जांच के लिए पिछले कुछ दिनों में कई बैठकें भी आयोजित की हैं। बुधवार रात को विधायक दल की हुई बैठक में भाजपा ने यह निर्णय लिया था कि मौजूदा सत्र के दौरान सदन में प्रस्तावित विधेयक पेश किया जाएगा।





इसके अलावा, अनुसूचित जाति (SC) /अनुसूचित जनजाति (ST) और नाबालिगों के धर्मांतरण की स्थिति में परिणाम कठोर होंगे। मसौदे में कहा गया है कि नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का गैर-कानूनी धर्मांतरण कराने वाले को तीन से दस साल के कारावास की सजा हो सकती है। साथ ही कम से कम 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, सामूहिक धर्मांतरण में शामिल व्यक्ति को तीन से 10 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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