देश में खिलौनों के आयात पर रोक नहीं लगाएगी सरकार
नयी दिल्ली । सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध (Ban on Import of Toys) लगाने पर विचार नहीं कर कर रही है हालांकि स्वदेशी खिलौना निर्माताओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा (Rajya Sabha- Upper House of Indian Parliament) को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार देश में स्वदेशी उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है?
इसके जवाब में सोम प्रकाश ने कहा, ‘‘जी, नहीं। सरकार खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार नहीं कर रही है। सरकार ने देश में स्वदेशी खिलौना निर्माताओं को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार भारत में निर्मित खिलौनों को बढ़ावा देकर; गुणवत्ता की निगरानी करके; घटिया और असुरक्षित खिलौनों के आयात पर प्रतिबंध लगाकर; स्वदेशी खिलौना ‘क्लस्टर’ (Home made Toy Cluster) को बढ़ावा देकर; भारतीय मूल्यों, संस्कृति तथा इतिहास पर आधारित खिलौनों की डिजाइनिंग आदि करके घरेलू उद्योगों को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की परंपरागत उद्योग के पुनःसृजन के लिए निधि स्कीम (स्फूर्ति) के तहत विभिन्न क्षेत्रों जैसे खादी, कॉयर, हस्तशिल्प(Handicraft) , हथकरघा(Hand loom), शहद(Honey), कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, बांस आदि में 4160.46 लाख रुपए के व्यय से 14 क्लस्टरों की स्थापना की गयी है जिससे 8839 कारीगर लाभान्वित हुए हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021’ को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले साल 15 अगस्त को घोषणा की थी कि लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटने का एक सुखद संकेत भी है। पहले लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और अब वहां केंद्रीस विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
प्रधान ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 2500 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था रहेगी। विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद वहां के विद्यार्थियों का देश के साथ भावनात्मक एकीकरण होने में मदद मिलेगी।
पेगासस (Pegasus) जासूसी विवाद, किसान आंदोलन (Farmers Agitation) जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर चल रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच निचले सदन ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिस पर 750 करोड़ रूपये लागत आने की बात कही गई थी। इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009’ विभिन्न राज्यों में शिक्षा और अनुसंधान के लिये विश्वविद्यालयों की स्थापना करने, उनके नियमन, उनसे संबंधित विषयों को अधिनियमित करने का उपबंध करने के लिये बनाया गया था।
इसमें कहा गया है कि केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिये सरकार ने वहां एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निश्चय किया है।
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा।