जनता का पुलिस के प्रति जाग रहा भरोसा, थानों में अपराधों की रिपोर्टिंग बढ़ना अच्छा संकेत: बोले- नोबेल विजेता सत्यार्थी
जयपुर। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने थानों में अपराधों की ‘रिपोर्टिंग’ बढ़ने को अच्छा संकेत बताया। सत्यार्थी ने जयपुर में पुलिस अकादमी आॅडिटोरियम में ‘जस्टिस फॉर एवरी चाइल्ड, रोल आॅफ पुलिस एंड सिविल सोसाइटी’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि यह इस बात का संकेत है कि पुलिस व शासन व्यवस्था में लोगों का भरोसा जाग रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने पुलिसर्किमयों से बच्चों की गुलामी का कलंक मिटाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा व सुरक्षा का अधिकार है। अपराधों की ‘रिपोर्टिंग’ या सूचना दिए जाने की दर बढ़ने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा यह अच्छी बात है कि जागरूकता बढ़़ी है। अपराध की ‘रिपोर्टिंग’ बढ़ना बहुत अच्छा संकेत है क्योंकि आम जनता में पुलिस के प्रति भरोसा जाग रहा है।
पुलिस के माध्यम से पूरी शासन व्यवस्था और सरकारों के प्रति भरोसा जाग रहा है। न्याय व्यवस्था के प्रति भरोसा जाग रहा है। ‘रिपोर्टिंग’ अगर बढ़ रही है तो इसमें छुपाने की कोई बात नहीं है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अपराधों के दर्ज होने वाले मामलों की संख्या को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा राज्य सरकार पर निशाना साधता रहता है जबकि सरकार का तर्क है कि परिवादी को न्याय दिलाने के लिए उसने आवश्यक निर्बाध पंजीकरण लागू किया है जिस कारण यह संख्या बढ़ी है।
अपराध बढ़ने से न शर्माएं थाने
आईपीएस एकेडमी हैदराबाद में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन का जिक्र करते हुए सत्यार्थी ने कहा, हमने कहा कि अगर आप ‘फील्ड’ (क्षेत्र) में जाकर अपराध की ‘रिपोर्टिंग’ बढ़ाते हैं तो यह बुरी बात नहीं, यह अच्छी बात है और इसमें किसी को शर्माना नहीं चाहिए कि मेरे थाने में ज्यादा अपराध हो गए। अपराध तो पहले से ही चल रहे थे। अगर अपराध होने के बाद लोग आपके पास आने लगे तो आप पर भरोसा बढ़़ा है और आपको इसे अच्छे रूप में लेना चाहिए।
पुलिस कर्मियों का सामाजिक संगठनों से जुड़ना जरूरी
सत्यार्थी ने कहा कि इसके लिए बहुत जरूरी है कि पुलिस कर्मी सामाजिक संगठनों के साथ, समाज के साथ और ज्यादा मजबूती के साथ जुड़ें। इसके साथ ही उन्होंने पुलिसर्किमयों से बच्चों की गुलामी का कलंक मिटाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान करते किया। उन्होंने बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं बाल श्रम उन्मूलन सहित कोरोना काल मे पुलिस र्किमयों के कार्यों की सराहना की।
बाल अपराध मुक्त भारत में राजस्थान ले सकता है बढ़त
सत्यार्थी ने कहा कि विभिन्न कारणों से बच्चों में मानसिक सदमे की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस, डॉक्टर व परिजन उचित व स्रेहपूर्ण व्यवहार करके उन्हें सदमे से उबारने में उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीने का अधिकार और सम्मान का अधिकार बच्चे का नैर्सिगक अधिकार है। उन्होंने कहा कि बाल अपराध मुक्त भारत सम्भव है और इसके लिए राजस्थान बढ़त ले सकता है।