विदेश

काबुल एयरपोर्ट में फायरिंग के बाद मची भगदड़, सैकड़ों के घायल होने अंदेशा

  • भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी की आपात बैठक

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बार फिर तालिबान (Taliban) का राज हो गया है। राष्ट्रपति अशरफ गनी (President Ashraf Ghani) देश छोड़कर भाग गए है। इस बीच अब राजधानी काबुल के एयरपोर्ट (Kabul’s airport) पर देश छोड़कर भाग रहे हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई है। दूसरे देशों के रह रहे राजनयिकों को तालिबानी लड़ाकों से बचाकर काबुल एयरपोर्ट से बाहर ले जाने की कोशिश की जा रही है। इन सबके बीच खबर यह भी आ रही है कि काबुल एयरपोर्ट में फायरिंग (firing) के हो गई। हालांकि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।

काबुल एयरपोर्ट में हुई फायरिंग के बाद मची भगदड़ में सैकड़ों लोगों को घायल होने की भी खबर है। फिलहाल अमेरिका (America) ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है । सोशल मीडिया (social media) पर एक यूजर ने काबुल एयरपोर्ट पर मची अफरा तफरी का वीडियो शेयर किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि बड़ी में लोग इधर उधर भाग रहे हैं, इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

वहीं दूसरी ओर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में बिगड़ते राजनीतिक हालात को देखते हुए आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) की बैठक बुलाई गई है, जिसकी अध्यक्षता भारत (India) करेगा। रविवार को काबुल पर तालिबानियों के कब्जे के बाद यह खबर मिली की राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं। इसके बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों की भीड़ लग गई है। हवाईअड्डे तक जाने वाली सभी सड़कें तक भारी ट्रैफिक से भरी पड़ी दिख रही हैं।





अफगानिस्तान की ओर से कौन रखेगा पक्ष
बैठक की अध्यक्षता के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) पहले से ही न्यूयॉर्क में मौजूद हैं, लेकिन पिछले 24 घंटों के भीतर अफगानिस्तान में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला है, उस लिहाज से यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है। हालांकि, सबसे अहम सवाल यह है कि इस बैठक में अफगानिस्तान की ओर से प्रतिनिधि कौन होगा और अफगानिस्तान का पक्ष कैसे रखेगा।

ट्रंप ने खड़े किए सवाल
वहीं, अफगानिस्तान में बिगड़ रहे हालात पर अमेरिका की नीतियों को लेकर अब उसी देश के भीरत सवाल उठने लगे हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ये अमेरिका की सबसे बड़ी हार है। काबुल में राष्ट्रपति पैलेस पर तालिबान के कब्जे और अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने की खबर के बाद ट्रंप ने यह बयान दिया। हालांकि, अमेरिका विदेश विभाग ने इस सभी आरोपों से इनकार किया है।

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