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अफगानिस्तान को लेकर सर्वदलीय बैठक में बोले विदेश मंत्री: सरकार का फोकस फंसे लोगों को निकालने पर

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में गहराए राजनीतिक संकट (political crisis) को देखते हुए मोदी सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक (all party meeting) बुलाई। विपक्षी दलों के साथ बैठक में विदेशी मंत्री जयशंकर प्रसाद (Foreign Minister Jaishankar Prasad) ने अफगानिस्तान के हालात और नागरिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू आपरेशन (rescue operation) की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने अमेरिका (America) और तालिबान (Taliban) के बीच 2020 में दोहा में हुए समझौते का जिक्र भी किया और कहा कि तालिबान दोहा (Doha) में किए गए वादे पर खरा नहीं उतरा। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया अभी भी तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की पॉलिसी (wait and watch policy) अपना रही है, भारत भी अभी इस मोड में है।

सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury), राज्यसभा के लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), राकांपा नेता शरद पवार (Sharad Pawar), डीएमके के टीआर बालू (TR Balu), पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा (HD Deve Gowda), केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और अनुप्रिया पटेल (Anupria patel) भी मौजूद मौजूद रहीं। हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जयशंकर को निर्देश दिए थे कि वे सभी दलों के अफगानिस्तान के हालात की जानकारी दें। विपक्षी दलों ने सरकार से यह भी कहा है कि वो अफगानिस्तान पर एक बयान भी जारी करे।





विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक में बताया कि अफगानिस्तान में हालात काफी खराब हैं, ऐसे में भारत का फोकस अपने लोगों को जल्द निकालने पर है। तालिबान ने अमेरिका के साथ दोहा में जो वादा किया था, उसे तालिबान ने पूरा नहीं किया है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh Shringla) ने भी इस बैठक में प्रेजेंटेशन दी। सरकार की ओर से बताया गया है कि अफगानिस्तान में भारत सरकार की हेल्प डेस्क पर करीब 15 हजार लोगों ने संपर्क किया।

उन्होंने कहा कि भारत की ओर से लगातार लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है। भारत पहले ही अपने दूतावास के लोगों को निकाल चुका है, अब वहां फंसे भारतीयों को निकालने पर फोकस है। इसके अलावा अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिखों को भी भारत लाया जा रहा है।

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