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अफगानिस्तान पीएम का बयान: शरिया कानून से चलाएंगे देश, सरकार जल्द जुटेगी काम पर

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में मंगलवार देर शाम तालिबान (Taliban) ने अपनी नई सरकार (new government) का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद संगठन के सबसे बड़े नेता मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंदजादा (Mullah Mohammad Hassan Akhundzada) का ताजा बयान सामने आया है। उन्होंने देश के नागरिकों को विदेशी हुकूमत से स्वतंत्रता (independence from foreign rule) मिलने की बधाई दी। साथ ही कहा कि अफगानिस्तान में अब शरिया कानून (sharia law) के तहत शासन चलाया जाएगा और नई सरकार नई सरकार जल्द से जल्द काम करना शुरू करेगी।

बता दें की नई कैबिनेट में कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने ग्लोबल आतंकी (global terrorist) घोषित किया है। अंतरिम सरकार में भी ईरान की तर्ज पर सुप्रीम लीडर के तौर पर जगह लेने वाले अखुंदजादा ने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कहा कि तालिबान उन सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों (international laws), संधियों और प्रतिबद्धताओं को मानेगा, जो इस्लामी कानून (शरिया) के विपरीत नहीं हैं।

तालिबान ने अपनी नई नीति का ऐलान करते हुए कहा है कि किसी को भी भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए, हमारी पहली कोशिश है कि देश की दिक्कतों को कानूनी तरीके से सुलझाया जाए। तालिबान ने कहा है कि बीते दो दशक से जो हमने संघर्ष किया है, उसके दो ही मकसद थे। तालिबान के मुताबिक, सबसे पहले विदेशी ताकतों (foreign forces) को देश से बाहर निकालना और फिर अपना एक इस्लामिक सिस्टम लागू करना। इसी के तहत भविष्य में अफगानिस्तान में सरकार और आम लोगों की जिदगी को शरिया कानून के तहत चलाया जाएगा।





तालिबान के सुप्रीम लीडर होने के बावजूद अखुंदाजादा का अफगानिस्तान पर अपने संगठन के 15 अगस्त को नियंत्रण बनाने के करीब एक पखवाड़े से ज्यादा समय बीतने के बाद यह पहला सार्वजनिक बयान है। तालिबान ने कहा है कि नई सरकार की कोशिश अफगानिस्तान में शांति स्थापित करना है, आगे माहौल ठीक होता जाएगा। ऐसे में लोगों से अपील है कि वह अफगानिस्तान ना छोड़ें। इस्लामिक देश को किसी से दिक्कत नहीं है, बाहरी देशों को भी अफगानिस्तान में अपने दूतावासों को फिर से शुरू करना चाहिए।

अखुंदजादा ने कहा, मैं सभी देशवासियों को आश्वासन देता हूं कि नया नेतृत्व स्थायी शांति, समृद्धि और विकास सुनिश्चित करेगा। तालिबान प्रमुख ने कहा, लोगों को अपने देश को छोड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इस्लामी अमीरात (Islamic Emirate) को किसी से कोई समस्या नहीं है। सभी व्यवस्था और अफगानिस्तान को मजबूत करने में शिरकत करेंगे और इस तरह हम अपने युद्धग्रस्त देश का पुनर्निर्माण करेंगे।

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