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तालिबान का असली चेहरा: शिया हजारा मुस्लिम समुदाय के 13 को उतारा मौत के घाट, तीन को लटकाया फांसी पर

काहिरा। अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता में दूसरी बार काबिज होने के बाद तालिबान (Taliban) का अब असली चेहरा सामने आने लगा है। इस बीच अब एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। खबर के मुताबिक तालिबान ने शिया हजारा मुस्लिम समुदाय के 13 लोगों निर्मम हत्या (13 people of Shia Hazara Muslim community brutally murdered) कर दी है जबकि पश्चिमी प्रांत हेरात (western province of Herat) में तीन लोगों को फांसी पर लटका दिया है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह तीन वही लोग हैं, जिन पर अपहरण में शामिल होने का आरोप लगा था।

वहीं बताया जा रहा है कि शिया हजारा मुस्लिम समुदाय के जिन 13 लोगों की हत्या की गई है उनमें अधिकांश लाड़ाकों के सामने समर्पण करने वाले सैनिक थे। यह जानकारी एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने अपनी रिपोर्ट में दी है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया कि ये हत्याएं 30 अगस्त को देश के दायकुंडी प्रांत के कहोर गांव में हुईं। मृतकों में 11 अफगानिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा बलों (national security forces) के सदस्य थे और दो नागरिक थे जिनमें एक 17 वर्षीय लड़की थी।





वहीं दूसरी घटना के बारे में द टैब्लॉइड (the tabloid) ने डिप्टी गवर्नर मावलवी शिर अहमद मुहाजिर (Deputy Governor Mawlawi Shir Ahmed Muhajir) ने बताया कि तीन लोगों को एक घर में घुसकर लूटपाट करने के बाद मार दिया गया था। द सन ने यह भी बताया कि हेरात के ओबे जिले में सार्वजनिक रूप से तीन लोगों को फांसी दी गई और वहां मौजूद लोगों को गले से लटके शवों की तस्वीर लेते देखा गया।

पिछले शासन में भी दी यातनाएं
तालिबान ने अपने पहले शासनकाल के दौरान (1996 और 2001) भी शिया हजारा समुदाय के लोगों को कई तरह की यातनाएं दे चुका है। एमनेस्टी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि 15 अगस्त को देश की राजधानी पर कब्जे से पहले तालिबान ने जुलाई महीने में गजनी प्रांत में रहने वाले नौ लोगों को मार दिया था।

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