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राउत का आरोप: कहा- भाजपा सरकार में शिवसेना के साथ गुलामों जैसा होता था व्यवहार

ताजा खबर : मुंबई। शिवसेना के सांसद संजय राउत (Sanjya Raut) ने आरोप लगाया है कि जब पार्टी 2014 से 2019 के दौरान महाराष्ट्र (Maharashtra) में BJP के साथ सत्ता में थी, तब उससे गुलामों की तरह व्यवहार किया गया और उसे राजनीतिक तौर पर समाप्त करने की कोशिश की गईं। राउत ने शनिवार को उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में शिवसेना कार्यकर्ताओं (Shiv Sena workers) को संबोधित करते हुए कहा, पूर्ववर्ती सरकार (previous government) में शिवसेना का दोयम दर्जा था और उसे गुलाम समझा जाता था।

हमारे समर्थन के कारण मिली ताकत का दुरुपयोग करके हमारी पार्टी को समाप्त करने की कोशिश की गई। राउत का बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी, जिसके बाद से राज्य में राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म था।





मुख्यमंत्री पद के मुद्दे के कारण शिवसेना-भाजपा गठबंधन 2019 में टूट गया था। शिवसेना BJP के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक थी। उसने बाद में महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के साथ एक अप्रत्याशित गठबंधन कर सरकार बनाई। राउत ने कहा कि उन्हें हमेशा लगता था कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।

उन्होंने कहा, भले ही शिव सैनिकों को कुछ नहीं मिला, लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं कि राज्य का नेतृत्व शिवसेना के हाथ में है। महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का (नवंबर 2019 में) इसी भावना के साथ गठन हुआ था। विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के बाद नवंबर 2019 में त्रिपक्षीय सरकार के गठन से पहले के घटनाक्रम को याद करते हुए राउत ने कहा कि वरिष्ठ राकांपा नेता अजित पवार, जिन्होंने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व में भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए कुछ समय के लिए पाला बदल लिया था, वे अब एमवीए के सबसे मजबूत प्रवक्ता हैं।

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