ताज़ा ख़बर

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से मौत पर मुआवजा देने के फैसले को रखा सुरक्षित

ताजा खबर: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोरोना वायरस (corona virus) से जान गंवाने वाले मृतक के परिवार को चार लाख मुआवजा देने की मांग वाली याचिकाओं (Petitions) पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने सोमवार को पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा (compensation) देने के मामले में केंद्र सरकार (central government) और पक्षकारों को 3 दिनों के भीतर लिखित दलीलें देने को कहा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि जान गंवाने वालों के आश्रितों को मृत्यु प्रमाण पत्र (death certificate) देने की प्रक्रिया को सरल बनाए।

केंद्र सरकार ने कहा, वित्तीय बोझ उठाना मुश्किल
इससे पहले, केंद्र ने न्यायालय से कहा था कि कोविड-19 (Covid-19) से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा नहीं दिया जा सकता, क्योंकि इसका वित्तीय बोझ उठाना मुमकिन नहीं है और केंद्र एवं राज्य सरकारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।





शीर्ष अदालत में एक हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा है कि आपदा प्रबंधन कानून (disaster management law), 2005 की धारा 12 के तहत ‘न्यूनतम मानक राहत’ (‘Minimum Standard Relief’) के तौर पर स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना बढ़ाने एवं प्रत्येक नागरिक को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और तेजी से कदम उठाए गए हैं।

दो मामले हैं विचाराधीन
शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इनमें केंद्र और राज्यों को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कानून के तहत चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति का अनुरोध किया गया है। मामले में एक याचिकाकर्ता के वकील गौरव कुमार बंसल (Advocate Gaurav Kumar Bansal) ने दलील दी थी कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 12 (तीन) के तहत हर वह परिवार चार-चार लाख रुपये मुआवजे का हकदार है, जिसके सदस्य की कोरोना वायरस से मौत हुई।

एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील रीपक कंसल ने दलील दी थी कि covid-19 के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की जरूरत है, क्योंकि इसी के जरिए प्रभावित परिवार कानून की धारा 12 (तीन) के तहत मुआवजे का दावा कर सकते हैं।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button