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केजरीवाल की महत्वाकांक्षी योजना पर केन्द्र का ब्रेक, पढ़ें क्या है पूरा मामला

ताजा खबर: नई दिल्ली। दिल्ली में केजरीवाल सरकार (kejriwal government) और केन्द्र के बीच तनातनी कम होती नहीं दिख रही है। केन्द्र सरकार (central government) ने फिर बड़ा झटका देते हुए केजरीवाल की महत्वाकांक्षी घर-घर राशन (door to door ration) पहुंचाने की योजना पर ब्रेक लगा दिया है। दिल्ली सरकार इस स्कीम के तहत अगले एक-दो दिनों में घर-घर राशन पहुंचाने की योजना भी बना ली थी। सरकार की इस योजना से 72 लाख से अधिक लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद थी।

इधर सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने कहा है कि इस योजना के लिए केंद्र की मंजूरी नहीं ली गई थी, इसलिए इस पर रोक लगाई गई है। इससे पहले राशन योजना के नाम को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए था कि यह योजना केंद्र की योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (national food security act) के तहत आती है। जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है, न कि राज्य। इसलिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) इस योजना का न तो नाम बदल सकती है और न ही इसको किसी और के साथ जोड़ सकती है।





इससे पहले केजरीवाल सरकार इस योजना को 25 मार्च को लागू करना चाह रही थी, लेकिन तब भी केंद्र सरकार ने अड़ंगा लगा दिया था। जिसके कारण यह संभव नहीं हो सका था। इसके बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना का नाम बदलकर घर-घर राशन योजना रख दिया था। इस योजना के तहत गेहूं के बदले आटा और चावल का पैकेट देने की योजना थी। Delhi Government की ओर से दावा किया गया था कि घर-घर राशन योजना शुरू होने के बाद लोगों को राशन की दुकान पर आने की जरूरत नहीं पड़ती। सरकार का कहना था कि अगर किसी को 25 किलो गेहूं, 10 किलो गेहूं और 10 किलो चावल की जरूरत होती, तो 25 किलो की पैकिंग में गेहूं या आटा और दस किलो चावल की एक बोरी बनाकर उसके घर पहुंचा दिया जाता।

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