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पंजाब कांग्रेस का सियासी संकट: सत्ता से संगठन तक बदलाव के लिए तैयार कैप्टन, पर दो ध्रुप उन्हें नहीं मंजूर

ताजा खबर: नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में पिछले एक हफ्ते मचा सियासी घमासान (political turmoil) अब थमने की कगार पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। तीन सदस्यीय समिति (three member committee) के सामने प्रदेश के सभी नेताओं की हाजिरी लगने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) भी समिति के सामने पेश हुए और अपने ऊपर लगे आरोपों का एक-एक कर दिया जवाब दिया। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि काफी जद्दोजहद के बाद कैप्टन सरकार और संगठन में किसी भी बदलाव के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन सत्ता के दो ध्रुव उन्हें मंजूर नहीं है। बैठक के बाद कैप्टन ने कहा कि राज्य में छह महीने में विधानसभा का चुनाव (assembly election) है और यह बैठक उसी सिलसिले में आंतरिक चर्चा के लिए बुलाई गई थी। समिति 3-4 दिनों में अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंपेगी।

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बैठक का एजेंडा दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच मतभेद को पाटने के लिए था। जिस समय कैप्टन के साथ चर्चा हो रही थी, उस वक्त राहुल (Rahul) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) भी वीडियो कांफ्रेंस (video conference) के जरिये चर्चा से जुड़े थे। तीन घंटे तक चली बैठक में कैप्टन ने समिति के सदस्यों को विधायकों और नेताओं द्वारा खुद पर लगे आरोपों का जवाब दिया। CM अपने साथ दस्तावेजी प्रमाण लाए थे, जो विधायकों और पंजाब कांग्रेस के नेताओं के काम कराने के सुबूत थे। कांग्रेस नेता और समिति के एक सदस्य हरीष रावत ने कहा कि सोनिया गांधी दो तीन दिनों के लिए बाहर हैं, इसलिए बैठक की पूरी रिपोर्ट तीन चार दिन बाद पार्टी अध्यक्ष को सौंपा जाएगा। तीन सदस्यीय समिति में रावत के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे और जेपी अग्रवाल भी शामिल हैं।





 पहुंचा दी पंजाब की सच्चाई : सिद्धू
मंगलवार को समिति के सदस्यों के साथ बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने पार्टी के top leadership तक पंजाब की सच्चाई और अपनी बात मजबूती से पहुंचा दी है। उन्होंने बैठक के बाद मीडिया कर्मियों (media personnel) से बातचीत में कहा था, मैं हाईकमान के बुलावे पर आया हूं और पंजाब के लोगों की बात नेता तक पहुंचा दी है।

कैप्टन को बुलाना समर्थकों को गवारा नहीं
पंजाब को लेकर नेतृत्व ने जिस तरह की कवायद की उसे लेकर पांचवें दिन तक बात बनने से अधिक बिगड़ने का खतरा बढ़ गया था। दरअसल Captain खेमे ने CM को सफाई देने के लिए बुलाने को मुख्यमंत्री की वरिष्ठता और सम्मान से जोड़ दिया। हालांकि कैप्टन ने कमेटी के सामने पहुंच कर अपना पक्ष रखने का फैसला किया। कैप्टन ने कमेटी के सामने स्पष्ट किया कि उन पर अकालियों का समर्थन का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि वह लगातार उनके निशाने पर रहे हैं।

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