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भाजपा-अकाली में बढ़ रहीं नजदीकियां, दिल्ली में एसएडी पार्षद को महापौर बनाएगी भाजपा

ताजा खबर: नई दिल्ली। केन्द्र सरकार (central government) द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों (agricultural laws) के विरोध में एनडीए गठबंधन (NDA alliance) से अलग हुई शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) और भाजपा (BJP) की नजदीकियां फिर बढ़ने लगीं हैं। अब दिल्ली नगर निगम में आकाली दल का पार्षद भाजपा के सहयोग से महापौर (Mayor) बनेंगे। पार्षद सरदार राजा इकबाल (Councilor Sardar Raja Iqbal) ने अपना नामांकन कल मंगलवार को जमा कर दिया है, और अब BJP के बहुमत में होने से वह उनका Mayor बनना तय है। बता दें कि भाजपा और शिरोमणी अकाली दल 2017 के निगम चुनाव सहयोगी के रूप में लड़े थे जिसमें बीजेपी ने 179 सीटें जीतीं तो अकाली दल को पांच सीटें मिलीं थी।

जीटीबी नगर से शिरोमणि अकाली दल (SAD) के पार्षद राजा इकबाल सिंह का उत्तरी दिल्ली का मेयर बनना तय है, भले ही उनकी पार्टी ने तीन कृषि कानूनों पर BJP के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया हो। उत्तर, पूर्व और दक्षिण तीनों नगर निकायों में BJP सत्ता में है। बीजेपी और अकाली दल ने 2017 के निगम चुनाव सहयोगी के रूप में लड़े थे जिसमें बीजेपी ने 179 सीटें जीतीं तो अकाली दल के खाते में पांच सीटें गईं।





कृषि कानून के विरोध में छोड़ा साथ
पिछले साल, एसएडी ने केंद्र के नए कृषि कानूनों (new agricultural laws) के विरोध में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से हाथ खींच लिया था। इसके बाद, पार्टी ने दिल्ली के नगर निगमों सहित किसी भी संगठन में BJP के साथ संयुक्त रूप से अपने सभी पदों को छोड़ने का फैसला किया। हालांकि, इकबाल सिंह, जो उस समय सिविल लाइंस जोन के अध्यक्ष थे, इस पद पर बने रहे और अब दिल्ली BJP ने उत्तरी दिल्ली के मेयर के रूप में नामित किया।

दिल्ली BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Adesh Gupta) ने मंगलवार को मुकेश सूर्यन और श्याम सुंदर अग्रवाल (Shyam Sundar Agarwal) को दक्षिण और पूर्वी दिल्ली निगमों के मेयर के रूप में घोषित किया। उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। आदेश गुप्ता ने डिप्टी मेयर पद (deputy mayor post) के लिए नामों की भी घोषणा की। उत्तरी दिल्ली के लिए अर्चना दिलीप सिंह, दक्षिणी दिल्ली के लिए पवन शर्मा और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए किरण वैद हैं। निवर्तमान महापौर जय प्रकाश (NDMC), अनामिका (SDMC) और निर्मल जैन (EDMC) हैं। मौजूदा कार्यकाल में महापौरों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों का यह आखिरी कार्यकाल है क्योंकि दिल्ली में अगले साल एमसीडी चुनाव होंगे।

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