पश्चिम बंगाल की सियासत: भाजपा में पड़ सकती है बड़ी फूट, दो दर्जन विधायक बदल सकते हैं पाला
ताजा खबर: कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) खत्म होते ही फिर दल-बदल का खेल शुरू हो गया है। BJP में चार साल रहने के बाद मुकुल राय ने फिर घर वापसी कर ली है। मुकुल रॉय (Mukul Roy) ने TMC में जाते ही बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कई और विधायकों (MLAs) से बातचीत चल रही है। इस बयान के बाद से कयास लगने लगे हैं कि भाजपा में बड़ी टूट हो सकती है। ज्ञात हो कि पिछले दिनों बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) गर्वनर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) से मिलने पहुंचे तो उनके साथ 77 में से सिर्फ 51 विधायक ही राजभवन (Raj Bhavan) पहुंचे। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य भाजपा में बगावत के संकेत देना शुरू कर दिया है।
मुकुल रॉय की वापसी के बाद से ही कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में BJP से लोग तृणमूल आएंगे। मुकुल लगातार भाजपा नेताओं और आयोजकों के संपर्क में हैं। साथ ही उन लोगों से भी संपर्क साध रहे हैं, जिन्हें वे चार साल BJP में रहते हुए TMC से लाए थे। सूत्रों ने बताया कि रॉय खुद मानते हैं कि वे भाजपा नेताओं से फोन पर बात कर रहे हैं। 2017 में तृणमूल से भाजपा में जाने वाले मुकुल रॉय अपने बेटे शुभ्रांग्शु के साथ TMC में वापस लौट आए हैं। ममता (Mamta) ने उनकी वापसी पर कहा था कि मुकुल को पार्टी में बड़ा रोल दिया जाएगा।
अब भाजपा को जवाब देने का वक्त: शुभ्रांग्शु
बेटे शुभ्रांग्शु ने मुकुल के प्लान को और विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के कम से कम 20 से 25 विधायक और दो सांसद तृणमूल में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो भाजपा ने विधानसभा चुनाव के बाद किया, अब उसका जवाब देने का वक्त आ गया है। शुभ्रांग्शु ने मुकुल के भाजपा के दौर का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता तब दबाव में थे। इस दबाव का असर उनकी सेहत पर देखा जा सकता था। उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया, जबकि वे पहले ऐसा करते रहे थे। उन्होंने एक दिन मुझसे पूछा कि क्या तुम बीजापुर विधानसभा सीट से जीतोगे। उस दिन वो बेहद अपसेट थे।’
भाजपा की भी नजर अपने नेताओं पर
मुकुल के तृणमूल में जाने के बाद से ही भाजपा की नजर अपने नेताओं और विधायकों पर है। भाजपा की कोशिश है कि वो अपने नेताओं को पार्टी में ही रखे इसलिए ऐसे नेताओं पर नजर रखी जा रही है, जो पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की मौजूदगी में राजभवन में 25 विधायकों की गैरमौजूदगी को भी भाजपा ने गंभीरता से लिया है। एक भाजपा नेता ने कहा कि कुछ विधायक स्वास्थ्य कारणों से नहीं आए। कुछ पहले से ही व्यस्त थे। लेकिन, कुछ ने पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी।