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बांगलादेश: शेख हसीना को सताया तख्तापलट का डर, देश की जनता से की यह अपील

नई दिल्ली। भारत (India) के पड़ोसी देश बांग्लादेश (Neighboring Countries Bangladesh) की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) को तख्तापलट का डर (fear of coup) सताने लगा हैं। इस दौरान शेख हसीना ने बांग्लादेश की जनता से 1975 जैसी हत्याओं, साजिशों और तख्तापलट के प्रति सतर्क रहने का आह्वान किया है। यह बात उन्होंने आज शेख रसेल के जन्म दिन के मौके पर कही। ज्ञात हो कि शेख रसेल (sheikh russell) जब दस साल के थी तभी उनकी हत्या कर दी ई थी।

हसीना ने कहा है कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि भविष्य में ऐसी घटना फिर कभी न हो। उन्होंने कहा है कि हम हर बच्चे को बेहतर जीवन दे सकें, इसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई पर विशेष फोकस करने की अपील की है। शेख हसीना ने कहा है कि राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (Father of the Nation Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman) ने 1974 में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाया था। लेकिन यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके खुद के बच्चे हत्यारों के हाथों मारे गए।





हत्यारों ने 15 अगस्त 1975 को रसेल के मां-पिता, भाई और चाचा की हत्या कर दी थी क्योंकि वह अपनी मां के पास जाना चाहते थे। बच्चों को क्यों मारा गया? उनका क्या अपराध था? क्या देश को आजादी दिलाना अपराध था? अक्टूबर 2001 के आम चुनावों की तबाही को याद करते हुए शेख हसीना ने कहा कि बीएनपी -जमात गठबंधन ने 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी कब्जे वाले फौज की तरह नरसंहार किया था। उन्होंने आवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकतार्ओं को मार डाला था। उन्होंने बच्चों तक को भी नहीं बक्शा था।

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