दिल्ली में कोरोना थमने के बाद डेंगू के डंक ने बढ़ाई शासन-प्रशासन की परेशानी, 14 दिन में मिले रिकॉर्ड 150 मरीज
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में कोरोना (Corona) का कहर थमने के बाद अब डेंगू (Dengue) ने शासन और प्रशासन (Governance and Administration) की टेंशन (Tension) बढ़ा दी है। दिल्ली में हर दिन डेंगू पीड़ित मरीजों के मिलने का रिकॉर्ड बनता जा रहा है। अक्टूबर महीने 14 दिनों में 150 के करीब डेंगू पीड़ित मरीज मिल चुके हैं। जिसकी वजह से शासन और प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है। हफ्ते भर के अंदर जितने मरीज मिले हैं यह तीन सालों में सबसे ज्यादा हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक दिल्ली में 500 के करीब मामले मिल चुके हैं।
नगर निगमों अस्पतालों में रिजर्व कि बेड
डेंगू के बढ़ते मरीजों के कारण नॉर्थ दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक निगम ने अपने बड़े अस्पताल हिंदू राव (Hospital Hindu Rao) में 145 बेड डेंगू मरीजों के लिए रिजर्व कर दिए हैं। वहीं ईस्ट दिल्ली नगर निगम (East Delhi Municipal Corporation) ने भी अपने अस्पताल स्वामी दयानंद के 40 बेड अभी से सुरक्षित कर दिए हैं। ईस्ट MCD ने बताया है कि डेंगू के 47, मलेरिया के 15 केस अब तक आए हैं। हेल्थ स्वामी दयानंद, वीर सावरकर, गुरु तेग बहादुर और छोटा बाजार सिविल अस्पताल में डेंगू जांच की सुविधा दी गई है। वहीं इस बीच पब्लिक हेल्थ आफिसर (public health officer) ने बताया कि लोगों को आगाह कर रहे हैं कि वह घरों में पानी इकट्ठा ना होने दें।
डेंगू-मलेरिया का कोहराम
अफसरों के पसीने छूटने की अलग वजह है, मॉनसून के जाने में देरी की वजह से ना तो ज्यादा ठंडी है और ना ही गर्मी, लिहाजा यह मौसम मच्छरों की ब्रीडिंग के लिए बहुत मुफीद है। शायद यही वजह है कि इस हफ्ते मलेरिया के 14 और चिकनगुनिया के 6 मामले सामने आए. इस साल मलेरिया के कुल 127 केस दर्ज हैं जबकि इससे पहले 2020 में 316 और 2019 में 467 केस आए थे।
एलएनजेपी अस्पताल ने बनाया फीवर वार्ड
डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में अलग से डेंगू के लिए 3 वार्ड बनाए गए हैं। ना केवल 100 बिस्तर रिजर्व कर दिए गए हैं बल्कि अलग से फीवर वार्ड बनाया गया है। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि डेंगू के 15 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं. इमरजेंसी के लिए प्लेटलेट्स की 200 यूनिट तैयार की गई हैं। अभी तक 5 मरीजों को ही प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी है। यह मरीज मॉडरेट कैटेगरी के हैं। अभी तक ऐसे मरीज नहीं आए जिनको आईसीयू की जरूरत पड़े।