यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता: पांच लाख के इनामी खूंखार डकैत गौरी को चित्रकूट के जंगल में किया ढेर
चित्रकूट। सटीक सूचना के आधार के पर यूपी की एसटीएफ टीम UP STF team() ने आज बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि एमपी (MP) और यूपी पुलिस (UP Police) के लिए सिरदर्द बने पांच लाख के इनामी खूंखार डकैत (The dreaded dacoit with a prize of five lakhs) गौरी यादव (Gauri Yadav) को यूपी एसटीएफ ने आज तड़के मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यह मुठभेड़ चित्रकूट (Chitrakoot) के बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के एक जंगल में हुई थी। जिसमें गौरी मारा गया है। बता दें कि इससे पहले 31 मार्च को गौरी गैंग के भालचंद को भी मुठभेड़ में यूपी STF ने मारा गिराया था।
गौरी के पास से एसटीएफ को AK 47 और, एक क्लाशनिकोव सेमी आटोमैटिक राइफल (Kalashnikov Semi Automatic Rifle), 12 बोर की बंदूक और कारतूस के साथ भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ है। बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधव बांध के पास डकैतों और STF टीम के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार दोनों तरफ से सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं, गिरोह के और सदस्य जंगल की तरफ भाग निकले लेकिन गौरी को कई गोलियां लगीं जिसमें वह मारा गया।
खौफ का दूसरा नाम था डकैत गौरी
ददुआ और ठोकिया के बाद डकैत गौरी यादव बीहड़ में बाद बड़ा नाम बन चुका था। गौरी यादव काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा था। चार महीने पहले अचानक ही इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। करीब 20 साल पहले डकैती की दुनिया में एंट्री करने वाले गौरी यादव ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था।
10 साल पहले गौरी ने बनाया था अपना गिरोह
कुछ सदस्यों के साथ करीब 10 साल पहले गौरी ने अपना गिरोह बना लिया और खुद सरगना बन गया। इसके बाद से वह दोनों प्रदेशों की पुलिस के लिए सिर दर्द बना था। दोनों प्रदेशों की पुलिस गौरी की तलाश में न जाने कितने अभियान चला चुकी थीं लेकिन हर बार वह बच निकलता था। चित्रकूट के एसपी धवल जायसवाल (SP Dhawal Jaiswal) ने बताया कि शुक्रवार देर रात मिली सूचना के बाद से गिरोह की घेराबंदी की जा रही थी, रात बीतते-बीतते गिरोह को STF और पुलिस की टीम ने घेर लिया और मुठभेड़ में गौरी मारा गया।
डकैत गौरी ने की थी दरोगा की हत्या
वह चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बेलहरी गांव का रहने वाला था। उसकी तलाश में कई पुलिस टीमें लगी थीं। डकैत गौरी यादव ने मई 2013 में दिल्ली से मामले की जांच करने पहुंचे दारोगा की हत्या कर दी थी। इसके बाद मई 2016 में गोपालगंज में तीन ग्रामीणों को खंभे से बांधकर गोली मार दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने गौरी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।