करनाल: किसानों और प्रशासन के बीच बनी बात, फोर्स लिव पर भेजा एसडीएम को
करनाल। करनाल (Karnal) में प्रशासन और किसानों (Administration and farmers) के बीच कई दिनों से चल रहा टकराव (confrontation) आज खत्म हो गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (Farmer leader Gurnam Singh Chadhuni) और प्रशासन के बीच हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस (joint press conference) से इस बात की पुष्टि हुई है। सूत्रों के अनुसार किसानों पर लाठी चार्ज और एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद किसान धरना खत्म को तैयार हो गए हैं। खबर यह भी है कि सिर फोड़ने की बात करने वाले SDM जांच पूरी होने तक जबरन छुट्टी पर रहेंगे। इस पूरे मामले की जांच रिटायर्ड जज करेंगे।
अब किसान नेता बैठक के तमाम बिंदू आज ही होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) की बैठक में अन्य किसान नेताओं के समक्ष रखेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक करनाल में दोपहर तीन बजे आयोजित होगी। इस बैठक में अफसरों के साथ हुई बैठक के तमाम बिंदुओं और सरकार के अंतिम निर्णय पर चर्चा की जाएगी और अगला निर्णय लिया जाएगा।
एसीएस देवेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 28 अगस्त को हुई लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की जाएगी जिसकी निगरानी रिटायर्ड हाईकोर्ट जज (retired high court judge) करेंगे। जांच के दौरान तत्कालीन SDM आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। पीड़ित परिवार को एक हफ्ते के अंदर नौकरी दी जाएगी। एक महीने के भीतर यह जांच पूरी करने की बात कही गई है।
बता दें कि किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर किसान करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर लगातार धरने पर बैठे हुए थे। किसानों ने लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। बताया जा रहा है कि करनाल में लाठीचार्ज के बाद किसान और आक्रामक हो गए थे, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने कई बैठकें की थीं।
इससे पहले बताया गया था कि लाठीचार्ज की घटना के बाद विरोध कर रहे किसानों की ज्यादातर मांगों को हरियाणा सरकार मानने के लिए राजी हो गई है। एसडीएम आयुष सिन्हा जिनके सस्पेंसन की मांग की जा रही थी, इस मुद्दे पर किसान नेताओं और सरकार के बीच बातचीत यह हुई है कि सरकार इस मामले में एक न्यायिक जांच कराई जाएगी।