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ज्ञानवापी: हिन्दू पक्ष की याचिका पर सुनवाई अब 8 जुलाई को

वाराणसी ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद प्रकरण पर हिन्दू पक्ष को लेकर बहुप्रतीक्षित फैसला सोमवार को भी नहीं आया।  मामले की अगली सुनवाई अब आठ जून को होगी
वाराणसी (Varanasi) की जिला अदालत ने श्रृंगार गौरी पूजा स्थल पर दर्शन-पूजन करने संबंधी याचिका की पोषणीयता पर सुनवाई की अगली तिथि आठ जुलाई तय की है।
जिला न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेष की अदालत में हिन्दू पक्ष की ओर से दायर याचिका सुनवाई याेग्य है या नहीं, इस संबंध में मस्जिद प्रबंधन कमेटी के वकील ने सोमवार को अपना पक्ष रखा।
विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री गोंडा निवासी किरन सिंह व दो अन्य ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें यूपी सरकार, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Inazaniya Masajid Committee) और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट (Vishwanath Temple Trust) को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में तीन बिंदुओं पर कोर्ट से मांग की गई है, जिसमें परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश रोकने, ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादी गण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा पाठ राग भोग दर्शन शामिल है। याचिका में शिवलिंग पाए जाने के दावे के बाद अवैधानिक गुंबद को हटाकर पूजा पाठ के अधिकार की बात कही गई है।
सुनवाई के दौरान फास्ट ट्रैक कोर्ट (महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत) ने दोनों पक्ष समेत सभी पक्षकारों को वाद की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
एफआईआर की मांग
उधर, ज्ञानवापी केस में विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से सीजेएम स्पेशल कोर्ट में नया प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमें ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की गई है। विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन के मुताबिक, मसाजिद कमेटी वर्शिप एक्ट का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने बताया कि इसे लेकर उन्होंने पिछले हफ्ते चौक थाने में कमेटी पर केस दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। लेकिन केस दर्ज नहीं किया गया। ऐसे में अब विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।

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