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जीडीपी वृद्धि दर अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार

मुंबई ।   भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) (Reserve Bank of India) (RBI) ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2021-22 (Financial Year 20201-22) के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर अनुमान (GDP growth forecast ) को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। घरेलू आर्थिक गतिविधियां वायरस की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) के कमजोर पड़ने और अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से खोलने के कारण फिर सामान्य होने लगी हैं।

आरबीआई ने जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में 2021-22 के लिए वृद्धि अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया था।

द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikand Das, Governor, RBI) ने कहा कि महत्वपूर्ण आंकड़े (पीएमआई(PMI), बिजली खपत आदि) बताते हैं कि खपत (निजी और सरकारी दोनों), निवेश (Investment) और बाहरी मांग सभी फिर से पटरी पर लौट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण के जुलाई दौर के नतीजे बताते हैं कि भावनाएं ऐतिहासिक निचले स्तर से आशावादी क्षेत्र में लौट आई हैं।

इसके अलावा सूचीबद्ध कंपनियों के शुरुआती नतीजे बताते हैं कि कॉरपोरेट जगत (Corporate World) सूचना प्रौद्योगिकी (Information and Technology) फर्मों के नेतृत्व में बिक्री, वेतन वृद्धि और मुनाफे में स्वस्थ वृद्धि बनाए रखने में सक्षम हैं।

दास ने कहा कि इससे कुल खपत योग्य आय को भी समर्थन मिलेगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि निवेश की मांग अभी भी कमजोर है, लेकिन क्षमता उपयोग में सुधार, इस्पात की बढ़ती खपत , पूंजीगत वस्तुओं के उच्च आयात, अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थिति तथा केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेजों के चलते लंबे समय से प्रतीक्षित पुनरुद्धार को गति मिलने की उम्मीद है।

दास ने कहा, ‘‘इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2021-22 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Production) GDP की वृद्धि दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।’’

उन्होंने कहा कि 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान बाहरी मांग में तेजी रही।

दास ने कहा कि वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.3 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 प्रतिशत अनुमानित है।

अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 17.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।

गवर्नर ने कहा, ‘‘एमपीसी की जून 2021 में हुई बैठक के मुकाबले हम अधिक बेहतर स्थिति में हैं।’’

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि बांड प्रतिफल को स्थिर और व्यवस्थित रखने के प्रयास के तहत वह इस महीने द्वितीयक बाजार सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (जी-सैप) 2.0 के तहत दो चरणों में 50,000 करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘सभी प्रकार की परिपक्वता वाली प्रतिभूतियों पर केंद्रित हमारी हालिया जी-सैप नीलामी का उद्देश्य सभी खंडों में व्यवस्थित बांड प्रतिफल के बीच संतोषजनक नकदी स्थिति सुनिश्चित करना है।’’

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक का द्वितीयक बाजार सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (सी-सैप) बाजार प्रतिभागियों से मिली जोरदार प्रतिक्रिया के साथ प्रतिफल अपेक्षाओं को स्थिर करने में सफल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम 12 अगस्त और 26 अगस्त 2021 को जी-सैप 2.0 के तहत 25,000 करोड़ रुपये की दो और नीलामी करने का प्रस्ताव करते हैं। हम इन नीलामियों और अन्य उपायों जैसे खुले बाजार के परिचालन (ओएमओ) और ऑपरेशन ट्विस्ट (ओटी) को जारी रखेंगे।’’

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी मुद्रा (US Dollars) की तुलना में दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में आयी तेजी से मिले समर्थन के बल पर आज अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपया एक पैसा मजबूत होकर 74.16 रुपये प्रति डॉलर पर रहा।
रुपया पिछले दिवस 74.17 रुपये प्रति डॉलर पर रहा था।
रुपया आज 8 पैसे की मजबूती के साथ 74.11 रुपये प्रति डॉलर पर खुला। सत्र के दौरान यह 74.10 रुपये प्रति डॉलर के उच्चतम और 74.22 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक लुढ़का।
अंत में यह पिछले दिवस के की तुलना में एक पैसा चढ़कर 74.16 रुपये प्रति डॉलर पर रहा।

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