प्रमुख खबरें

स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को बड़ी सफलता: उत्पादन गुणवत्ता के लिए हंगरी ने दिया जीएमपी प्रमाण पत्र

प्रमुख खबरें : नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (indigenous corona vaccine covaccine) को बड़ी सफलता मिल गई है। दरअसल कोवैक्सीन को हंगरी से गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (Good Manufacturing Practice) अनुपालन का प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है, जो कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन के नाम एक और मील का पत्थर हो गया है। इसकी जानकारी खुद भारत बायोटेक ने दी है। भारत बायोटेक ने कहा है कि हमने हंगरी से जीएमपी प्रमाणपत्र (GMP Certificate) प्राप्त किया है। यह प्रमाणपत्र कोवाक्सिन को उसके उत्पादन गुणवत्ता के लिए मिला है और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फामेर्सी एंड न्यूट्रिशन (National Institute of Pharmacy and Nutrition) , हंगरी ने इसे जारी किया है। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक द्वारा प्राप्त पहला EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है।

कंपनी ने एक ट्वीट में कहा कि हमने एक और मुकाम हासिल किया है, कोवाक्सिन को हंगरी में जीएमपी प्रमाणपत्र दिया गया। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक को मिला पहला यूड्राजीडीएमपी अनुपालन प्रमाणपत्र है। भारत बायोटेक ने कहा कि जीएमपी प्रमाण पत्र अब यूड्राजीएमडीपी (eudraGMDP) डेटाबेस में सूचीबद्ध है जो विनिर्माण प्राधिकरणों के यूरोपीय समुदाय के रिकॉर्ड और अच्छे उत्पादन के प्रमाण पत्र का संग्रह है।

भारत बायोटेक की कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन (BBV152) डेल्टा प्लस वैरिएंट (AY.1) के खिलाफ प्रभावी पाई गई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन में बात कही गई है। अध्ययन में कहा गया है कि आइजीजी एंटीबाडी (IgG antibodies) का मूल्यांकन किया गया है। इसमें पाया गया है कि कोवैक्सीन की पूर्ण डोज यानी दोनों डोज लेने लोगों में कोविड-19 (Covid-19) की आशंका लगभग खत्म हो गई है।





इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) ने अपने अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) के खिलाफ भी अधिक प्रभावी है। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च  और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (National Institute of Virology) के सहयोग से विकसित किया गया है।

इसमें डेल्टा, डेल्टा प्लस और बी.1.617.3 के खिलाफ कोवैक्सीन का मूल्यांकन किया गया। सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) का वैरिएंट B.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है। कोवैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button