जानिये… कितना अधिक बिगाड़ गया यह पूर्व राष्ट्रपति अपने देश को
डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति। इस पद पर आने के पहले से जाने तक विवाद का पर्याय बने रहे। और जाते-जाते देश को वो जख्म दे गए, जो यूएस के लिए आने वाले दिनों के भयावह हालात का संकेत बन गए हैं। राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने जो बिडेन के हाथों अपनी हार स्वीकारने से मना कर दिया था। नतीजे में यह हुआ कि सत्ता हस्तांतरण के आसपास अमेरिका में व्यापक राजनीतिक हिंसा हुई। वहाँ के संसद भवन पर भीड़ ने हमला कर दिया। ट्रंप तो फिर व्हाइट हाउस से बोरिया-बिस्तर समेटकर चलते बने, लेकिन उनके दुराग्रह और समर्थकों की इस करतूत ने इस देश को भविष्य के भयावह खतरों की आशंका से घेर दिया है।
जी हाँ, अमेरिका के खुफिया अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हिंसक कट्टरपंथ तथा नस्ली भेदभाव से देश को खतरा बढ़ गया है। दो महीने से भी अधिक समय पहले यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) में हिंसक भीड़ के हमले की पृष्ठभूमि में यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में कही गई कई बातें एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे समेत अन्य अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनियों के समान हैं। रे ने इसी महीने अपनी गवाही में कहा था कि घरेलू हिंसक कट्टरपंथ के कारण देश भर में खतरा बढ़ रहा है।
अमेरिकी संसद भवन पर हमले से घरेलू कट्टरपंथ से उपजा खतरा सामने आ गया था। इस घटना के कुछ हफ्तों बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुफिया अधिकारियों को यह पता लगाने का जिम्मा सौंपा था कि समस्याएं कितनी गहरी हैं। खतरे के आकलन का ब्यौरा बुधवार को सार्वजनिक किया गया। यह पूरी रिपोर्ट व्हाइट हाउस और कांग्रेस में पेश की गई। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष एवं कैलिफोर्निया से जन प्रतिनिधि एडम शिफ ने कहा, ह्यह्यआज की रिपोर्ट बताती है कि नस्ली एवं जातीय प्रेरित हिंसक कट्टरपंथियों, खासकर श्वेतों को श्रेष्ठ मानने वालों और मिलीशिया हिंसक कट्टरपंथियों से हमें कितना बड़ा खतरा है।
नस्लवाद से प्रेरित बने सबसे बड़ी चुनौती
खुफिया अधिकारियों ने रिपोर्ट में कहा है कि ऐसे कट्टरपंथी जो हिंसा को अंजाम दे सकते हैं वे विभिन्न तरह की विचारधाराओं से प्रेरित हैं। इसमें कहा गया कि सबसे अधिक खतरा नस्लवाद प्रेरित हिंसक कट्टरपंथियों से है जो अमेरिका के नागरिकों पर सामूहिक हमलों को अंजाम दे सकते हैं। वहीं मिलीशिया समूह कानून प्रवर्तन तथा सरकारी अधिकारियों एवं इमारतों पर हमले कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की विचारधारा से प्रेरित कई लोग समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने अन्य देशों में भी गए।