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जबलपुर में इलाज के नाम मची लूट: बिल न चुका पाने पर अस्पताल शव को बना रहे बंधक

  • जबलपुर मेडिकल कॉलेज में संक्रमित महिला की मौत के बाद गायब हुए जेवर

जबलपुर। मध्यप्रदेश में कोरोना (Corona)  का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है। फैली महामारी के बीच अब अस्पतालों ने भी लूटना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर () Jabalpurके अस्पतालों में एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार शव को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। मुखर्जी हॉस्पिटल (Mukherjee Hospital) में कोरोना संक्रमित वृद्ध (Corona infected aged) के शव को ढाई लाख रुपए के लिए अस्पताल प्रबंधन (Hospital management) ने नौ घंटे तक परिजनों को नहीं दिया। सुबह सात बजे मौत हुई, लेकिन शव शाम चार बजे मिल पाया। वहीं मेडिकल अस्पताल (Medical hospital) में कोविड संक्रमित (Covid infected) महिला की मौत के बाद उसके पहने जेवर गायब हो गए।





विजय नगर निवासी 62 वर्षीय कोविड संक्रमित (Covid infected)  को परिजनों ने मुखर्जी हॉस्पिटल (Mukh में भर्ती कराया था। आरोप है कि रविवार सुबह सात बजे उनकी मौत हो गई। इसके बावजूद वहां के प्रबंधक ने परिजनों को सुबह आठ बजे दवा की पर्ची दी गई। इसके बाद बताया गया कि उनकी मौत हो गई। लाश देने के लिए अस्पताल की ओर से 2.50 लाख रुपए की मांग की गई। पैसे के लिए लाश को अस्पताल प्रबंधक शाम चार बजे तक बंधक बनाए रखा। हंगामा मचा तो शव परिजनों को दिया गया।

कोरोना संक्रमित महिला की मौत के बाद गायब हो गए जेवर
मेडिकल कॉलज स्थित सुपर स्पेशियलिटी सेंटर (Super Specialty Center) में रविवार को भर्ती एक महिला की रविवार रात 12 बजे मौत हो गई। परिजनों को सोमवार सुबह नौ बजे दी गई। इसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया गया। परिजनों ने देखा तो महिला के पहने हुए सारे जेवर गायब थे। इसके बारे में कोई जानकारी देने वाला नहीं था।





रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी
रेमडेसिविर इंजेक्शन () Remedicivir Injectionके लिए शहर में सोमवार को भी मारामारी दिखी। कई अस्पतालों में परिजनों को इंजेक्शन की व्यवस्था के लिए पर्ची दे दी गई। जबकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित रेट पर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों को खुद से इंजेक्शन खरीदने के लिए भटकाया जा रहा है।

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जांच के नाम पर लूट जारी
शासन ने कोविड जांच (Covid Screening) के रेट निर्धारित कर दिए हैं। घर से सैंपल देने पर 200 रुपए अतिरिक्त शुल्क देने होंगे। बावजूद एक महिला से आरपीटीसीआर (RTPCR) जांच के नाम पर 1250 रुपए वसूल लिया। जबकि इस जांच की दर 300 रुपए तय है। 200 रुपए मिलाकर 500 रुपए ही पड़ता है। सैंपल लेने आने वाले पीपीई किट (PPE Kit) तक नहीं पहन रहे। एसआरएल लैब वाले रेपिड जांच के लिए 1250 रुपए जार्च ले रहे हैं। मरीज ने बहस हुई तो थायरोकेयर की रसीद पर्ची थमा दी।

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