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छत्रपति शिवाजी का वंशज किस लिए भटक रहा यहां से वहां ?

मुंबई। वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) का एक वंशज महाराष्ट्र (Maharashtra) में इन दिनों ख़ासा परेशान है। बात पूर्व सांसद संभाजी छत्रपति (Sanbhaji Chhatrpati) की हो रही है। वह एक बार फिर राज्यसभा में जाने के लिए प्रयासरत हैं। हैरत की बात यह कि शिवाजी महाराज के नाम पर ही अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम तथा काम शुरू करने वाली शिवसेना (Shiv Sena) ही संभाजी को टिकट देने के लिए राजी नहीं है। शिवसेना की शर्त है कि टिकट के लिए संभाजी को पार्टी में आना होगा। जबकि शिवाजी के वंशज ने इससे इंकार कर दिया है।
इस मसले पर भाजपा ने शिवसेना तथा राज्य सरकार में उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) पर निशाना साधा है।भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि आगामी राज्यसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम में संभाजी छत्रपति को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है, जिन्होंने राजनीतिक दलों से अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन मांगा है।
इधर, शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के कोल्हापुर जिला अध्यक्ष संजय पवार राज्यसभा चुनाव के लिए उसके दूसरे उम्मीदवार होंगे। महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीट पर 10 जून को मतदान होगा, जिसमें विपक्षी भाजपा के पास अपने दो उम्मीदवारों को निर्वाचित करने के लिए पर्याप्त संख्या है।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के पास एक-एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए पर्याप्त मत हैं, जबकि साथ में वे छठी सीट भी जीत सकते हैं, जिसे शिवसेना अपने खाते में चाहती है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल में कहा था कि उनकी पार्टी संभाजी छत्रपति या राज्यसभा चुनाव में शिवसेना द्वारा चुने गए किसी अन्य उम्मीदवार का समर्थन करेगी।
पूर्व सांसद के राज्यसभा चुनाव लड़ने से संबंधित राजनीतिक घटनाक्रम पर बुधवार को फडणवीस ने कहा, ‘‘जिस तरह से इस मुद्दे को सबसे पहले शरद पवार ने शुरू किया था और जिस तरह से इसे आगे बढ़ाया गया, मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें (संभाजी छत्रपति को) इन सभी घटनाक्रम में फंसाने की कोशिश की गई है। हालांकि, यह उनका मुद्दा है और मैं इस पर बोलना नहीं चाहूंगा।’’
पवार के इस बयान पर कि (केंद्र में) सत्ता में बैठे लोग महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं, फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर 29 रुपये का कर लगाती है, जबकि केंद्र सरकार 19 रुपये का कर लगाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘पवार साहब को बताना चाहिए कि वे राज्य कर क्यों कम नहीं कर रहे हैं। महाराष्ट्र में मुद्रास्फीति राज्य सरकार के कारण है क्योंकि वह पेट्रोल और डीजल पर 29 रुपये का कर वसूल रही है। जब वे एक रुपया (ईंधन पर) भी कम ही नहीं कर सकते, तो वे महंगाई के बारे में सवाल कैसे कर सकते हैं।’’

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