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राज्यों को निर्देश: सरप्लस बिजली की जानकारी दें सरकार को, नहीं हो जाएगा बड़ा नुकसान

नई दिल्ली। देश में कोयले (coal) की कमी के चलते के कई राज्यों में बिजली संकट (power crisis) की आशंका गहरा गया है। राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है। ऐसे में थर्मल पॉवर प्लांट को कोयला आपूर्ति (coal supply) सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने और तुरंत कोयला आपूर्ति को सुनिश्चित कराने की अपील की है। इस बीच भारत सरकार (Indian government) ने भी बिजली की कमी को पूरा करने के लिए कमर कस ली है।

केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिजली को उपभोक्ताओं के बीच शेड्यूल करें और सरप्लस बिजली (surplus power) की जानकारी केंद्र सरकार को दें। वहीं चेतावनी देते हुए कहा गया है सभी राज्यों को अपने यहां आवंटित बिजली को उपभोक्ताओं के बीच शेड्यूल करनी होगी। अगर सरप्लस बिजली बचती है तो राज्य उस बिजली को बेच नहीं सकेंगे। अगर ऐसा पाया गया तो संबंधित राज्य की बिजली के कोटे को घटा दिया जाएगा या फिर उसे जरूरतमंद राज्य को आवंटित कर दिया जाएगा।





जरूरतमंद राज्यों को भेजी जाएगी सरप्लस बिजली
केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों को निर्देश जारी किए हैं कि उन्हें अपने यहां के सरप्लस पॉवर की जानकारी केंद्र को देनी होगी, जिससे केंद्र सरकार सरप्लस पॉवर को जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर सके। केंद्र सरकार ने एनटीपीसी और DVC को निर्देश दिए हैं कि दिल्ली की वितरण कंपनियों को उतनी ही बिजली दी जाए, जितने की मांग हो। सरकार ने कहा है कि पिछले 10 दिनों में दिल्ली डिस्कॉम को दी गई घोषित बिजली की समीक्षा करें और उसकी पॉवर सप्लाई को सुरक्षित किया जाए।

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