मध्यप्रदेश

पंचायत चुनाव में कोरोना का साया: नरोत्तम बोले- लोगों की जान बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता, टाले जाएं चुनाव

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर चल रही जोरदार सियासत के बीच एक बार फिर पंचायत चुनाव (Panchayat Election) टलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जाकर ओबीसी आरक्षण को लेकर पुनर्विचार याचिका लगाई है और जल्द सुनवाई की अपील की है, वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) का बड़ा बयान आया है। नरोत्तम मिश्रा ने संकेत दिए हैं कि कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona) की आशंका के कारण सरकार पंचायत चुनाव को टालने का फैसला ले सकती है। बता दें कि कल गुरुवार से मप्र में नाइट कर्फ्यू की घोषणा भी कर दी गई है।

नरोत्तम ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना के चलते चुनाव टाले जाएं। ये मेरी व्यक्तिगत राय है। उन्होंने कहा कि चुनाव लोगों की जिंदगी से बढ़कर नहीं, लोगों जान बचाना (save lives) सरकार की पहली प्राथमिकता है। उनका मानना है कि हाल ही में दूसरे राज्यों में हुए पंचायत चुनाव से नुकसान देखने को मिला था। कोविड को लेकर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा था। मिश्रा ने आगे कहा कि ये मेरी व्यक्तिगत राय है कि वर्तमान में कोरोना के हालात और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल देना चाहिए।

भाजपा-कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बना ओबीसी आरक्षण
पंचायत चुनाव को लेकर ओबीसी आरक्षण का मुद्दा राजनीतिक दलों के साथ सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। सरकार ने विधानसभा में सर्वसम्मति से ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं कराने का संकल्प तो पारित करा लिया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत मिले बिना यह संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अपील कर जल्द सुनवाई का आग्रह किया था लेकिन अदालत ने तीन जनवरी की तारीख दी है। इस तरह अदालत ने सरकार की जल्द सुनवाई के आग्रह को ठुकरा दिया है।

नरोत्तम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दिया हवाला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने भी उत्तरप्रदेश चुनावों को टालने का विचार करने का कहा है। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा कि किसी की जिंदगी से बढ़ा चुनाव नहीं है। उन्होने पुराने अनुभवनों का हवाला देते हुए कहा है कि जहां भी पंचायत चुनाव हुए हैं, वहां कोरोना के केस बढ़े हैं। इसलिए पंचायत चुनाव बढ़ना चाहिए। हालांकि मिश्रा ने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताई है।





निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया जारी
वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की चुनाव प्रक्रिया चल रही है जिसमें पहले और दूसरे चरण के मतदान वाले पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने व नाम वापसी के बाद अब चुनाव प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। जब तक सुप्रीम कोर्ट में तीन जनवरी को सुनवाई होगी तब तक तीसरे चरण के मतदान वाले पदों के लिए भी नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और पहले चरण के मतदान में तीन दिन ही शेष बचेंगे।

सुप्रीम कोर्ट से झटका
मध्य प्रदेश विधानसभा में ओबीसी आरक्षण को लेकर बहस के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान कर दिया था कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे, इसके लिए सरकार कोर्ट गई. शिवराज सरकार ने पुनर्विचार याचिका लगाकर उसपर अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी, जिसपर सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा गया है। सरकार ने पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से इनकार कर दिया है। अब 3 जनवरी को इस मामले पर सुनवाई होगी. इन सबके बीच अब पंचायत चुनाव पर कोरोना का खतरा भी मंडरा रहा है।

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