मध्यप्रदेश

मप्र में होंगे पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया इनकार, कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में पंचायत चुनाव Panchayat Election() की घोषणा के साथ ही इस पर लगातार विवाद जारी है। वहीं चुनाव पर रोक लगाने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में याचिका भी लगाई थी। जिसको लेकर आज गुरुवार को कोर्ट में सुनवाई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया (election process) में रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस (notice to state government) भेजा है। चार हफ्ते में याचिकाओं पर जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता विवेक कृष्ण तन्खा (Senior advocate and Congress leader Vivek Krishna Tankha) ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाएंगे।

कोर्ट में यह याचिकाएं भोपाल (Bhopal) के मनमोहन नायर (Manmohan Nair), गाडरवारा (Gadarwara) के संदीप पटेल (Sandeep Patel) समेत अन्य लोगों ने लगाई है। इसमें मध्य प्रदेश में जनवरी-फरवरी 2022 में होने वाले पंचायत चुनावों को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पुराने आरक्षण के आधार पर चुनाव कराने के संबंध में अध्यादेश जारी किया है। यह अध्यादेश कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय जारी हुए आरक्षण को निरस्त करते हुए लागू किया गया है। यह अध्यादेश पंचायत चुनाव एक्ट का उल्लंघन करता है।

अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने पैरवी की और तमाम सिद्धांतों और न्याय दृष्टांतों का हवाला देते हुए लंबी बहस की. लेकिन हाईकोर्ट इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद भी पंचायत चुनाव पर रोक लगाने पर राजी नहीं हुआ। किसी भी प्रकार की अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका पर सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब जरूर तलब किया है।

तनखा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे याचिकाकर्ता
वरिष्ठ वकील विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बेंच का कहना था कि इससे पहले ग्वालियर बेंच ने पंचायत चुनाव संबंधित याचिका पर रोक लगाने की अंतरित राहत से इंकार कर दिया था। ग्वालियर बेंच ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। न्यायिक अनुशासन की वजह से दूसरी बेंच इस मामले में अलग नजरिया नहीं ले सकती है। बहरहाल याचिकाकर्ता अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। बहुत जल्द पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।

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