चीतों का पंसदीदा भोजन हैं चीतल: पेंच से कूनो भेजे जाने थे 500 चीतल पर पहुंचे सिर्फ 57, जानें क्या रही वजह
श्योपुर। सात दशक से अधिक लंबे इंतजार के बाद भारत में शनिवार को चीतों के पैर पड़ गए हैँ। यानि नामीबिया से 11 घंटे का सफर तय कर 8 अफीकी चीते मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन चीतों को बाड़े में छोड़ा। पर खास बात यह है चीतों के बाड़े में पहुंचने से पहले उनके शिकार के लिए 500 चीतलों को बाड़े में छोड़ा जाना था, पर ऐसा नहीं हो पाया। इसकी वजह बनी भारी बारिश। और अब तक सिर्फ 57 चीतलों को ही बाड़े में छोड़ा सकता है। यह चीतल की पहली खेप है।
बता दें कि आठ चीतों को भारत लाया गया है। पेंच पार्क को कुल 500 चीतल कूनों पार्क में शिफ्ट करने का टारगेट दिया गया है, पहले चरण में 57 चीतल (15 नर, 42 मादा) शिफ्ट हुए हैं। बताया जा रहा है कि अलग-अलग शिफ्ट में चीतल भी कूनो में शिफ्ट कर दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इलाके में हो रही बारिश से काम प्रभावित हो रहा है। बोमा लगाकर कड़ी मशक्कत के बाद पेंच पार्क के अधिकारी और वन्य कर्मी काफी मुश्किल से सिर्फ 57 चीतल ही अब तक पकड़ पाए है, बाकि की तैयारियां जारी हैं।
चीतों का मनपसंद भोजन है चीतल
चीतल, चीतों का मनपसंद भोजन है। पेंच में वर्तमान में 52 हजार से अधिक चीतल हैं। यही कारण है कि यहां से अन्य वन क्षेत्रों में भी इन्हें शिफ्ट किया जा रहा है। कूनो नेशनल पार्क में आ रहे चीतों को फिलहाल शिकार करने की इजाजत नहीं होगी। इसलिए उन्हें चीतल खिलाया जाएगा।
चीते तेजी से पकड़ते हैं शिकार को
पेंच नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ अखिलेश मिश्रा के अनुसार चीता भी बिल्ली प्रजाति में आता है। वह अपने शिकार को घेरकर मारता है। चीतों के मनपसंद भोजन में चीतल, हिरण, श्वान और अन्य वन्य जीव हैं। वह तेजी से शिकार को पकड़ता है। इसके लिए वह दूर तक दौड़ लगाता है।