चटर्जी गंभीर बीमारी से पीड़ित पर भर्ती होने की नहीं जरूरत, यह बोल एम्स ने लौटाया तो ईडी ने फिर घेरा
कोलकाता। स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-भुवनेश्वर ले जाया गया, जहां उनकी संघन जांच की गई। जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है। जिसके बाद उन्हें फिर मंगलवार सुबह कोलकाता वापस लगाया गया। कोलकाता पहुंचते ही पार्थ चटर्जी को साल्ट लेक के सीजीओ परिसर में स्थित ईडी के दफ्तर ले जाया गया। जहां ईडी उनसे पूछताछ करेगी।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर चटर्जी को सोमवार को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए भुवनेश्वर स्थित एम्स ले जाया गया था। वह शिक्षक भर्ती घोटाले में 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं। ईडी की छापेमारी के बाद पार्थ चटर्जी कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती हो गए थे। बताया गया था कि छापेमारी के बाद पार्थ को बेचैनी महसूस हुई थी। इसके बाद वह सीधे एसएसकेएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हो गए। इस पर ईडी ने आपत्ति जताते हुए उन्हें जांच के लिए एम्स ले जाए जाने की मांग की थी।
‘चटर्जी को तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं’
भुवनेश्वर अस्पताल के कार्यकारी निदेशक आशुतोष विश्वास ने कहा, हमने चटर्जी के रक्त, किडनी, थॉयराइड और हृदय संबंधी जांच की है। उन्हें कुछ गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। उच्च न्यायालय को चटर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति से जुड़ी रिपोर्ट भेज दी गई है। वह जिन लक्षणों के साथ अस्पताल आए थे, वे बहुत गंभीर प्रकृति के नहीं हैं। सीने में इतना दर्द नहीं था। टीएमसी नेता लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं और एम्स ने उनके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उसमें कुछ बदलाव करने की सलाह दी है।
बीमारी का बहाना बनाकर भर्ती होने का आरोप
ईडी ने अपनी दलील में कहा कि चटर्जी एसएसकेएम अस्पताल में बीमारी का बहाना बना कर भर्ती हुए थे और शनिवार को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से उन्हें दो दिनों की रिमांड पर दिए जाने के दौरान एजेंसी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी। न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि आरोपी के ईडी की हिरासत में रहने के दौरान हर 48 घंटे में उनकी चिकित्सा जांच की जाए। अदालत ने जांच अधिकारी से आरोपियों को प्रताड़ित न किए जाने का भी निर्देश दिया।
पार्थ चटर्जी के खिलाफ क्या है मामला?
राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। अदालत ने सीबीआई से अनियमितताओं की जांच करने को कहा था। ईडी, घोटाले में धन शोधन पहलू की जांच कर रही है। केंद्रीय एजेंसी स्कूल भर्ती घोटाले में कथित वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है।