मध्यप्रदेश

मप्र में शैक्षणिक गुणवत्ता को मिलेगा बढ़ावा: अब निजी महाविद्यालय और विवि को भी अनिवार्य होगी नैक ग्रेडिंग

भोपाल। मध्यप्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता (Education Quality in Madhya Pradesh) को बढ़ावा देने उद्देश्य से अब निजी महाविद्यालय (private college) और विश्वविद्यालय (university) को भी नैक ग्रेडिंग (NAC Grading) अनिवार्य होगी। इसकी गाइडलाइन भी जल्द ही जारी की जाएगी। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव (Higher Education Minister Mohan Yadav) ने अपने विभाग की समीक्षा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि नैक द्वारा यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन महाविद्यालय और विश्वविद्यालय ने एक शैक्षणिक वर्ष पूर्ण कर लिया है, वे प्रोविशनल मान्यता प्रमाण-पत्र (Provisional Recognition Certificate) के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगे।

बता दें कि अब तक की व्यवस्था के अनुसार जो संस्थानों ने छ: वर्ष पूर्ण कर लेते थे वे ही नैक की प्रमाणिकता के लिए आवेदन कर सकते थे। यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी 238 महाविद्यालयों का नई शिक्षा नीति (new education policy) के परिप्रेक्ष्य में बहुसंकाय करने की भी तैयारी की जा रही है। शैक्षणिक परिसर में कृषि को प्रमुखता देने के लिए जैविक खेती (Organic farming) , बागवानी आदि संबंधित विषयों को भी पाठ्यक्रम से जोड़ा जाना आवश्यक है। इस वर्ष लगभग 75 हजार के करीब विद्यार्थियों ने जैविक खेती विषय को चुना है।

साथ ही यादव ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज चौहान Chief Minister Shivraj Chouhan() के उपस्थिति में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन से अब युवा नई आधुनिक कृषि तकनीकों का इस्तेमाल कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को नया आयाम देंगे।

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक
वहीं यादव ने शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ आगामी परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में वर्चुअल चर्चा की। यादव ने इस दौरान कहा कि पिछले दो वर्ष से कोरोना के कारण आनलाइन परीक्षाओं का आयोजन कराना पड़ा, परन्तु शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आॅफलाइन परीक्षा कराना आवश्यक है। यह एक बड़ी जवाबदारी है।

डॉ. यादव ने कहा कि मार्च माह में होने वाली परीक्षाओं के लिए पूर्ण तैयारी करें। कोराना की स्थिति के मद्देनजर अन्य शासकीय भवनों में भी परीक्षाएँ संचालित करने की तैयारी रखें। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए शासकीय और निजी महाविद्यालयों के सेन्टर में बदलाव करें। परीक्षाओं के दौरान अन्य महाविद्यालयों के निरीक्षकों की भी व्यवस्था करें।

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