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ईडी का बड़ा एक्शन: जबरन वसूली मामले में आरोपी अनिल देशमुख को देर रात किया गिरफ्तार

मुंबई। 100 करोड़ की जबरन धन उगाही (raise fund) के मामले में आरोपी माहाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री (former home minister of maharashtra) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आखिरकार देर रात को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। अनिल देशमुख कई दिनों तक लापता रहने के बाद कल ईडी दफ्तर पहुंचे थे। गिरफ्तारी से पहले जांच एजेंसी ने देशमुख से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की थी। जिसके बाद संतोष जनक जवाब न मिलने के कारण ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि अनिल देशमुख को ED ने पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा था, लेकिन वह खुद न जाने के बजाय उम्र और कोरोना का हवाला देकर अपने वकील इन्द्रपाल सिंह (Advocate Inderpal Singh) को ईडी के सामने भेज देते थे। अनिल देशमुख सुर्खियों में आए थे जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Mumbai Police Commissioner Parambir Singh) ने उनके खिलाफ जबरन वसूली के सनसनीखेज आरोप लगाए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तारी से पहले अनिल देशमुख का बयान दर्ज किया गया था।

पूछताछ के दौरान देशमुख के सामने तमाम उन आरोपियों के बयान भी रखे गए थे जिनका इस अपराध में सक्रिय योगदान था। लेकिन देशमुख किसी भी सवाल पर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। वे सिर्फ आरोपों का खंडन करते रहे। लेकिन ईडी ने अपनी जांच के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी 100 करोड़ की वसूली मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है। देशमुख के साथ उनके बेटे ऋषिकेश देशमुख (Hrishikesh Deshmukh) और पत्नी को दो बार पूछताछ के लिए तलब किया गया था, लेकिन वे भी ईडी आफिस नहीं पहुंचे थे। माना जा रहा है कि देशमुख के बाद आज या कल तक उनके बेटे और पत्नी भी ईडी के सामने हाजिर हो सकते हैं।





पेशी के बाद देशमुख ने वीडियो मैसेज जारी किया
ईडी के सामने पेश होने के बाद देशमुख के सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट (video post) हुआ है। इसमें देशमुख ने कहा- जब-जब ED ने समन किया, मैंने उनका सहयोग किया है। मैंने पहले ही कहा था कि मेरी याचिकाएं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में लंबित हैं। इसके निपटारे के बाद मैं ईडी आफिस आऊंगा। दो बार सीबीआई ने मेरे यहां रेड की, उसमें भी मैंने पूरा सहयोग किया।

यह है पूरा मामला
केस की बात करें तो मार्च में परमबीर सिंह को मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटा दिया गया था। उन्हें होमगार्ड का डीजी बना दिया गया था। इसके बाद परमबीर सिंह की एक चिट्ठी सामने आई थी, जो उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हर महीने सचिन वाजे से 100 करोड़ रुपये देने की मांग की थी। इसके साथ ही देशमुख पर ये भी आरोप लगाया गया था कि वो पुलिस अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के एवज में पैसा लेते हैं।

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