गिरफ्तार आतंकी ने खोली पाक की पोल: 2009 और 2011 के बम धमाकों में था ISI का हाथ
नई दिल्ली। दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी आतंकवादी (Pakistani terrorists) मोहम्मद अशरफ (Mohammad Ashraf) ने पूछताछ में मे बड़ा खुलासा किया है। आतंकी ने बताया कि जम्मू बस स्टैंड (Jammu Bus Stand) में 2009 में हुए बम धमाके (bomb blast) में पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI का हाथ था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) के बाहर हुए ब्लास्ट (blast) से पहले इसी आतंकी ने परिसर की रेकी भी की थी। आतंकी ने पूछताछ में ये भी खुलासा किया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने उसके सामने सेना के कई जवानों को अपहरण (Kidnapping of many army soldiers) कर लिया था। कुछ समय बंधक बनाकर रखने के बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी थी।
2011 के आसपास, उसने ITO स्थित पुलिस मुख्यालय (पुराने पुलिस मुख्यालय) की कई बार रेकी की, लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं जुटा सका, क्योंकि पुलिस ने लोगों को परिसर के बाहर रुकने नहीं दिया। इसके साथ ही उसने पाकिस्तान में अपने आकाओं को ISBT की जानकारी भी भेजी। फिलहाल जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं कि क्या वह दिल्ली में हुए किसी विस्फोट में शामिल था।
जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी भारत के किसी भी हिस्से में जाता था वह पाकिस्तान में बैठा उसका आका उसे निर्देशित करता था। साथ ही जब भी जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी से मिलता तब भी अपने आका के कहने पर ही मिलता था। अधिकारी ने कहा कि सेना की खुफिया जानकारी की वीडियो बनाकर वह अपने हैंडलर को भेजता था इस जानकारी के आधार पर जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले होते थे। उसने सेना की अनेकों बार खुफिया जानकारी हैंडलर नासिर को दी है।
अशरफ ने खुलासा किया कि 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए दो पाकिस्तानी आए थे। उनमें से एक का नाम गुलाम सरवर था। उसने जम्मू-कश्मीर में सेना के 5 जवानों की नृशंस हत्या में शामिल होने की बात कबूल की। अशरफ ने कहा कि आईएसआई अधिकारी नासिर के कहने पर वह कई बार जम्मू-कश्मीर में हथियार सप्लाई करने गया था। उसने आगे खुलासा किया कि वह हमेशा ई-मेल के जरिए आईएसआई अधिकारियों से संवाद करता था।