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क्रिकेट : खिलाड़ियों पर इतना बुरा असर डाल रहा है बायो-बबल 

मेलबर्न ।   क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) (Cricket Australia) (CA) के चिकित्सा विशेषज्ञों के अध्ययन के मुताबिक सख्त जैव-सुरक्षित माहौल (बायो-बबल) (Bio-Bubble) से जुड़े तनाव का खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर ‘बुरा असर’ पड़ रहा है जिससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए संतुलन बनाने की आवश्यकता है।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड (Sidney Morning Herald) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीए के मानसिक स्वास्थ्य प्रमुख मैट बर्गिन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जॉन ऑर्चर्ड ने ‘ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ स्पोर्ट एंड एक्सरसाइज मेडिसिन’ (British Association of sport and exercise Medicine) के लिए एक लेख में इसका जिक्र किया है।
उन्होंने लिखा, ‘‘ प्रतिस्पर्धा से जुड़े तनाव का लंबे समय में बुरा प्रभाव हो सकता है और यह संभव है कि घटना के सप्ताह या कुछ महीनों के बाद भी नकारात्मक प्रभावों का अनुभव किया गया हो।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे खिलाड़ियों जिन्हें अक्सर जुझारूपन के लिए सराहा जाता है उन्हें भी इस स्थिति का सामना करने की चुनौती से निपटना होता है। उनके लिए भी अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नए तरीकों को अपनाने और विकसित करना चुनौतीपूर्ण होता है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘ बायो-बबल से जुड़े अधिकांश लक्षणों का उपचार आसानी से हो सकता है लेकिन खिलाड़ियों की भी इस तरीके की सहनशीलता की एक सीमा होती है।’’
दोनों विशेषज्ञों ने बायो बबल में खिलाड़ियों को मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी से बचने के लिए संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बर्गिन और ऑर्चर्ड ने लिखा, ‘‘ इस तरह की निराशाजनक स्थिति से बचने के लिए एक सीमा होनी चाहिये। खिलाड़ी अपने मानसिक स्वास्थ्य का जिम्मेदार खुद होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 (Covid-19) को खेल से दूर रखने के लिए प्रोटोकॉल (Protocol) के संतुलन की आवश्यकता होगी। इसमें इतनी सख्ती नहीं होनी चाहिये कि खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर अत्यधिक प्रभाव पड़े।’’

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