मध्यप्रदेश

आय दोगुनी करने की बात कहकर खाद की कीमत बढ़ाना किसानों पर सीधा हमला: नाथ ने मोदी-शिव पर साधा निशाना

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एक के बाद एक किसान विरोधी फैसले ले रही है। किसानों ने एक साल तक संघर्ष करके जैसे-तैसे तीन काले कृषि कानून वापस लेने पर सरकार को मजबूर किया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने डीएपी और एनपीके उर्वरक के दाम बढ़ाकर किसानों पर सीधा हमला बोल दिया है। यह तंज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कसा है।

कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार ने वादा किया था कि वर्ष 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी। लेकिन आमदनी दोगुनी होना तो दूर इफको ने डीएपी और एनपीके की कीमतों मे जबरदस्त वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि से डीएपी की 50 किलो की बोरी 1200 से बढ़कर 1350 रुपए की कर दी गई है, जबकि एनपीके की बोरी 1290 रुपए से बढ़ा कर 1470 रुपए की कर दी गई है। खाद की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी से न केवल खेती की लागत बढ़ेगी, बल्कि पहले ही संकट ग्रस्त कृषि और किसानों की हालत और गंभीर होगी और वे कर्ज के बोझ तले और दब जायेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि हाल ही में संसद में रखी गई जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में किसानों की आय में 25 फीसद तक की गिरावट आई है। वहीं 24 मार्च 2022 को संसद की कृषि पर बनी स्टैंडिंग कमेटी ने लोकसभा और राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की। इस के मुताबिक मध्यप्रदेश के किसानों की आय दोगुनी होना तो दूर रही बल्कि उल्टा घट गई है। प्रदेश के एक किसान परिवार की मासिक आय में 1401 रुपए की कमी हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में प्रदेश के एक किसान परिवार की आय 9 हजार 740 रुपए महीने थी जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में घटकर 8 हजार 339 रुपए हो गई।

पीसीसी चीफ ने कहा कि अर्थशास्त्रियों के अनुसार यदि इस दौरान मुद्रास्फीति की वृद्धि को आधार बनाया जाए तो देश भर में किसानों की आय बढ़ने की बजाय कम हुई है। वहीं मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियां अब भी जारी हैं। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम देने की तो सरकार ने बात करना ही बंद कर दिया है।

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