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यूक्रेन पर वार के फेर में ऐसे वार क्रिमिनल बनने की कगार पर पहुंचा रूस

संयुक्त राष्ट्र। अपने पड़ोसी देश यूक्रेन (Ukraine) पर वार करने के फेर में व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के नेतृत्व वाला रूस खुद वार क्रिमिनल (War Criminal) यानी युद्ध अपराधी बनने की कगार पर पहुंच गया है। अमेरिका (US) और उसके सहयोगी देशों ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूसी बलों द्वारा पूर्वी यूरोपीय देश में किए गए युद्ध अपराधों के लिए मॉस्को (Moscow) को जवाबदेह ठहराने का संकल्प लिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री उजरा जेया ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के गंभीर उल्लंघनों के लिए जवाबदेही और न्याय को मजबूत करने से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, “लगभग 100 दिनों में दुनिया ने रूसी सेना को यूक्रेन में प्रसूति केंद्रों, रेलवे-सबवे स्टेशनों, अपार्टमेंट और मकानों पर गोलाबारी करते देखा है। यहां तक ​​कि सड़कों पर साइकिल चलाने वाले नागरिकों को भी निशाना बनाया गया है।”
जेया ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध अपराधों की व्यापक अंतरराष्ट्रीय जांच का समर्थन करने के लिए अमेरिका लगातार अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
वहीं, आयरलैंड (Ireland) के अटॉर्नी जनरल पॉल गैलाघर ने यूक्रेन में न्याय के आह्वान का समर्थन करने के लिए पिछले तीन महीनों में किए गए प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आयरलैंड उन 41 देशों में से एक था, जिन्होंने यूक्रेन की स्थिति को तत्काल अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) में भेजा।
गैलाघर ने कहा कि आईसीसी ने रूसी सेना के अपराधों की जांच और यूक्रेन के प्रयासों का समर्थन करने के लिए 42 जांचकर्ताओं, फॉरेंसिक विशेषज्ञों व अन्य कर्मचारियों का एक दल तैनात किया है।
बैठक में संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने यूक्रेन में अपने कथित ‘विशेष सैन्य अभियान’ को अचानक अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायायालय में ले जाने को लेकर पश्चिमी देशों पर ‘पाखंड’ करने का आरोप लगाया।
ईयू ने भी कसा शिकंजा रूस पर
इधर, एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में यूरोपीय संघ की परिषद (ईयू) (European Union) (EU) ने यूक्रेन पर रूसी हमले के विरोध में रूस पर प्रतिबंधों का छठा पैकेज शुक्रवार को लगाया दिया। यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले के सौ दिन पूरे हो गये हैं। परिषद ने एक बयान में कहा,“यूक्रेन के खिलाफ बेलारूस के समर्थन से रूस की आक्रामकता और रूसी सशस्त्र बलों द्वारा की गयी कथित बर्बरता को देखते हुए परिषद ने रूस पर छठी बार प्रतिबंध लगाये हैं ।”

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